Loading election data...

बिहार के किसी भी पैक्स में अब परिवार का कोई एक ही व्यक्ति होगा सदस्य, पटना हाइकोर्ट ने दिया आदेश

बिहार में अब तक एक ही परिवार के कई लोग पैक्स के सदस्य बन जाया करते थे पर अब ऐसा नहीं होगा. पटना हाईकोर्ट ने सहकारिता विभाग को कई अहम निर्देश देते हुए कहा कि अब एक परिवार में एक ही व्यक्ति पैक्स का सदस्य हो सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2023 2:27 AM

हाइकोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए यह स्पष्ट किया कि अब राज्य के किसी भी पैक्स में परिवार का कोई एक ही व्यक्ति सदस्य हो सकता है. अब तक एक ही परिवार के कई लोग सदस्य बन जाते थे. कोर्ट ने सहकारिता विभाग को इस संबंध में कई अहम निर्देश देते हुए कहा कि सहकारिता विभाग को राज्य में सहकारिता कानून का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है. यह आदेश न्यायाधीश ए अमानुल्लाह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने उमेश कुमार द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

सुनवाई के समय कोर्ट में सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी समेत सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव बी राजेंद्र, वैशाली के डीएम, निगरानी विभाग के डीजी आलोक राज तथा वैशाली जिले के सहकारिता अधिकारी एवं गरौल के प्रखंड सहकारिता अधिकारी तथा बीडीओ उपस्थित थे.

कोर्ट ने विभाग के सचिव बंदना प्रेयषी को कोर्ट से कहा कि वह इस बारे में जल्द नीति निर्धारण करें. कोर्ट ने उन्हें पैक्स के वोटर लिस्ट को सुधार करने के बारे में दिशा- निर्देश जारी करने का आदेश दिया .साथ ही जिला स्तर के अधिकारियों के कामकाज पर नजर रखने की बात कही .

याचिकाकर्ता की ओर से उसके अधिवक्ता एसबीके मंगलम ने कोर्ट को बताया कि वैशाली जिले के पीरापुर मथुरा पैक्स में सदस्य बनने के लिए 392 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया था. उनके आवेदन को यह कहते हुए रद्द कर दिया गया कि कुछ के आवेदन पर आवेदक का हस्ताक्षर नहीं है वहीं कुछ के आवेदन पर दो सदस्यों की अनुशंसा नहीं है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि बाद में बगैर किसी को बताए सभी को सदस्य बना दिया गया . फिर उन सभी को मतदाता सूची से हटा दिया गया और पैक्स का चुनाव करवा लिया गया. याचिकाकर्ता ओर से बतायी गयी बातों का कोर्ट में उपस्थित अधिकारी ने कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया.

कोर्ट ने जिला सहकारिता अधिकारी से जब इस मामले में सवाल किया तो एक भी सवाल का जवाब नहीं दे सकें . इसके बाद कोर्ट ने डीजी विजलेंस को सबसे पहले जिला सहकारिता अधिकारी के बारे में जांच करने का निर्देश दिया. इस पर अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने उनका बचाव करते हुए कहा कि कोर्ट की ओर से पूछे गये सवाल को ठीक से नहीं समझने के कारण ये सही जबाव नहीं दे सके हैं. उन्होंने कोर्ट से माफी मांगी.

Also Read: बिहार में प्रदूषण पर हाईकोर्ट सख्त, तीन सप्ताह में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांगा जवाब

कोर्ट में उपस्थित सहकारिता सचिव ने कोर्ट को बताया कि विभाग अपने स्तर से सदस्य बनाये जाने को लेकर जल्द नीति निर्धारण करेगा. साथ ही मतदाताओं को चिह्नित करने के बारे में भी दिशा निर्देश जारी करेगा. कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता कानून का पालन नहीं किया जा रहा है. पैक्स में एक ही परिवार के कई व्यक्ति को सदस्य बनाया जा रहा है.

कोर्ट ने विभाग को दो माह के भीतर नीति निर्धारण करने तथा दिशा निर्देश जारी करने का आदेश देते हुए विभाग को अधिकारियों के बारे में आंतरिक जांच कर जिम्मेदारी तय करने तथा कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया . कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को चार सप्ताह के भीतर इस पैक्स का नये सिरे से चुनाव कराने के बारे में कार्रवाई करने का आदेश देते हुए मामले को निष्पादित कर दिया.

https://www.youtube.com/watch?v=D1cAUIfr96Y

Next Article

Exit mobile version