बिहार में प्रदूषण पर हाईकोर्ट सख्त, तीन सप्ताह में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांगा जवाब

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने एक हिंदी समाचार पत्र में बिहार में प्रदूषण के स्तर पर छपी खबर पर संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई शुरू की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2023 12:04 AM

पटना हाइकोर्ट ने बिहार के 12 शहरों की हवा जहरीली होने की जानकारी मिलने पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब तलब करते हुए तीन सप्ताह में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने एक हिंदी समाचार पत्र में छपी खबर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई शुरू की है.

बारह शहरों का वायु प्रदूषण मानक रेखा के काफी ऊपर

कोर्ट की ओर से नियुक्त कोर्ट मित्र ने बताया कि राज्य के बारह शहरों का वायु प्रदूषण मानक रेखा के काफी ऊपर है. वहीं छपरा, बेगूसराय तथा राजगीर की हवा सबसे खराब है. कोर्ट को बताया गया कि प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने इस मामले में कोर्ट में अपना जवाबी हलफनामा दो सप्ताह के भीतर दाखिल करने की बात कही थी. लेकिन उसकी ओर से अब तक विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं किया गया है.

पटना का एक्यूआइ 373 पर पहुंचा

पटना में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ रहा है. सोमवार को पटना का एक्यूआइ बढ़ कर 373 हो गया है. शहर के छह मॉनिटरिंग स्टेशनों में से समनपुरा सबसे अधिक प्रदूषित है, जहां प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. यहां एक्यूआइ 441 दर्ज किया गया है. इसके बाद राजवंशी नगर इलाके में 388, मुरादपुर में 341, तारामंडल के पास 390, गवर्नमेंट हाइस्कूल शिकारपुर के पास 347, डीआरएम कार्यालय दानापुर के पास एक्यूआइ 373 दर्ज किया गया.

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वायु प्रदूषण का मुख्य कारण पीएम 2.5 और पीएम 10

जिले में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण पीएम 2.5 और पीएम 10 है. ये हवा में मौजूद सूक्ष्म धूलकण हैं. पटना की जलवायु और शहर में चल रहे निर्माण कार्यों के कारण हवा में धूलकण की मात्रा पिछले कुछ समय से बढ़ी हुई है. इसे रोकने के लिए नगर निगम की ओर से कई उपाय किये गये हैं, लेकिन उनका कोई खास फायदा होता नहीं दिख रहा है. पटना की हवा लगातार बेहद खराब या खतरनाक श्रेणी की बनी हुई है. डॉक्टरों के मुताबिक इस तरह की हवा स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार कर सकती है. वहीं, सांसों से जुड़े रोगों से संबंधित व्यक्तियों की परेशानी को यह वायु प्रदूषण बढ़ा रहा है.

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