Patna IMD: बिहार के कई जिलों में बाढ़ के कारण हाहाकार मचा हुआ है. 16 जिलों की करीब 10 लाख से अधिक आबादी इससे बुरी तरह प्रभावित हुई है. राज्य की लगभग सभी प्रमुख नदियां उफान पर है. रोज तटबंध टूटने और घर बहने की खबर आ रही है. कई जिलों में अभी भी हाई अलर्ट जारी है. सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा समेत कई जिलों में लोग जीवन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसी बीच खबर आई है कि बिहार में बारिश का दौर जारी रहेगा. पटना आईएमडी के मुताबिक बिहार से मॉनसून की विदाई 11 अक्टूबर को हो सकती है. इसके बाद लोगों को बारिश से राहत मिलने की उम्मीद है. इसके बाद बिहार में ठंड का आगमन होगा.
लाखों लोग प्रभावित
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि के कारण 16 जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण एवं सहरसा के 31 प्रखंडों में 152 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत लगभग 10 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है.
बढ़ रहा जलस्तर
लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा, कोसी, गंडक नदियों का जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है. भागलपुर जिले में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है. जल संसाधन विभाग के मुताबिक, चार जिलों में सात स्थानों पर तटबंध टूटने की खबर है. बाढ़ से प्रभावित लोगों को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की मदद से सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है. एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की 15- 15 टीमों को तैनात किया गया है.
इसके अतिरिक्त वाराणसी एवं रांची से एनडीआरएफ की तीन – तीन टीमों को बुलाया गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा 127 सामुदायिक रसोई केंद्र का संचालन किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त 71 राहत शिविरों का भी संचालन किया जा रहा हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अब तक लगभग 30,600 पॉलीथीन शीट एवं लगभग 25,600 ड्राई राशन पैकेट का वितरण किया गया है. लोगो को सुरक्षित स्थान पर लाने के लिए और आवागमन को सुगम बनाने के लिए कुल 800 नावों का परिचालन कराया जा रहा है.
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