प्रमोद झा,पटना: पटना जिले में मछली उत्पादन व उससे जुड़े रोजगार को बढ़ावा देने पर तेजी से काम हो रहा है. इसमें तालाबों की खुदाई, बायोफ्लॉक यूनिट का लाभ, फीस फीड मिल, रेफ्रिजेरेटेड वाहन, वाहन की सुविधा, फिश किऑस्क का निर्माण, आइस प्लांट का निर्माण आदि योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत इससे जुड़े लाभुकों को यह सुविधा दी जा रही है. इन योजनाओं में तेजी से काम होने के कारण सूबे में पटना जिला पहले स्थान पर है. योजना के तहत 97 लोगों लाभ पहुंचाया गया है. इसका नतीजा है कि पटना जिले में मछली की खपत के अनुसार उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के कगार पर है.
पटना जिले में प्रतिवर्ष लगभग 23 हजार मीट्रिक टन मछली की खपत है. फिलहाल पटना जिले में 17.65 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है. उम्मीद है कि मार्च तक खपत के अनुसार मछली उत्पादन होने लगेगा. 28 जनवरी, 2023 को मुख्यमंत्री बेलछी प्रखंड मुर्तजापुर गांव में बायोफ्लॉक तालाब सहित हो रहे काम का निरीक्षण किया.इसके बाद से काम में और तेजी आयी है.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिले में 97 लोगों को लाभ मिला है. योजना का लाभ 2020-21 व 2021-22 के लिए मिला है. इसमें मछली के चारा के लिए बृहद फीड मील संयत्र की स्थापना, रेफ्रिजेरेटेड वाहन, मोबाइल फिश किऑस्क, बायोफ्लॉक तालाब का निर्माण, नये तालाब का निर्माण, आइस प्लांट का निर्माण, मोटरसाइकिल आइस बॉक्स सहित, साइकिल आइस बॉक्स सहित, रियरिंग तालाब का निर्माण, जिंदा मछली विक्रय केंद्र का निर्माण आदि शामिल है. मछली चारा के लिए मत्स्य आहार संयंत्र मसौढ़ी व खुसरुपुर अंचल में लगाया गया है. इसकी वास्तविक क्षमता 20 टन प्रतिदिन है.
योजना के तहत लाभुकों को अलग-अलग अवयवों के लिए अनुदान की व्यवस्था है. नये तालाब के निर्माण में अन्य वर्ग को 1.60 लाख व एससीएसटी महिला को 2.40 लाख, बायोफ्लॉक तालाब के निर्माण में 5.60 लाख व 8.40 लाख, आइस प्लांट लगाने में 16 लाख व 24 लाख, रेफ्रिजेरेटेड वाहन के लिए 10 लाख व 15 लाख अनुदान मिलता है.
जिले में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित कर रही है. इसके लिए युवाओं को काउंसिलिंग किया जा रहा है. महिलाओं को भी प्रशिक्षण देने का काम हो रहा है. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि मछली उत्पादन को बढ़ावा देने से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं.
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जिला मत्स्य पदाधिकारी मनीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत लोगों को लाभ दिया जा रहा है. इसमें अलग-अलग अवयवों में अनुदान की सुविधा है. मछली व्यवसाय से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देने के साथ काउंसिलिंग की जा रही है. जिले में खपत के अनुसार उत्पादन में आत्मनिर्भर जल्द होगा.