Bihar News पटना रिमांड होम पीड़िता से 3 घंटे हुई बातचीत, सामने आए चौंकाने वाले खुलासे
पटना सिटी गाय घाट रिमांड होम मामले में शुक्रवार को पीड़िता से समाज कल्याण विभाग के ऑफिस में करीब 3 घंटे तक बातचीत हुई. बातचीत में पीड़िता ने वहां मौजूद काउंसलर्स के सामने चौकाने वाला खुलासा की है.
पटना सिटी गाय घाट रिमांड होम मामले में शुक्रवार को पीड़िता से समाज कल्याण विभाग के ऑफिस में करीब 3 घंटे तक बातचीत हुई. बातचीत में पीड़िता ने वहां मौजूद काउंसलर्स के सामने चौकाने वाला खुलासा की है. पीड़िता के साथ बातचीत के दौरान महिला विकास मंच की सदस्य भी उपस्थित थी. सूत्रों का कहना है कि पीड़िता ने समाज कल्याण विभाग के काउंसलर्स के सामने कई लोगों के संबंध में जानकारी दी है. पीड़िता का कहना है कि पता तो नहीं है. लेकिन, पीड़िता ने रिमांड होम में आने वाले लोगों की हुलिया बताया है.
पीड़िता से बिना कैमरे के हुई बातचीत
पीड़िता दोपहर 1:17 बजे विभाग में पहुंच गई, लेकिन उसके लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं की गई थी. समाज कल्याण विभाग के अधिकारी लगातार पीड़िता से बातचीत करते रहे. दोपहर 2:40 बजे पीड़िता के लिए पानी की बोतल मंगाई गई. पीड़िता की मांग पर 3 बजे के आस पास उसके लिए चाय मंगाई गई. शाम 3:54 बजे समाज कल्याण विभाग के निदेशक को उस कमरे में बुलाया गया, जहां पूछताछ चल रही थी. इसके बाद शाम 4:10 बजे वो बाहर निकल गई।
पूर्व आईपीएस ने लगाए थे गंभीर आरोप
गायघाट रिमांड होम में रहने वाली लड़कियां को मंत्रियों के पास भेजी जाती है. पूर्व IPS अफसर अमिताभ कुमार दास ने गुरुवार राज्यपाल को पत्र लिखर यह गंभीर आरोप लगाया था. अमिताभ दास ने इस पूरे मामले की CBI से जांच करवाने की मांग की है. राज्यपाल को लिखे लेटर में उन्होंने सीधे तौर पर सरकार और उनके कई मंत्रियों पर आरोप लगाया है.
क्या है मामला
राजधानी पटना के गायघाट स्थित महिला रिमांड होम से फरार एक युवती ने रिमांड होम की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता पर आरोप लगाया कि वो रिमांड होम में रहने वाली सुंदर लड़कियों को बाहर भेजा करती थी. हालांकि समाज कल्याण विभाग ने आनन-फानन में एक टीम गठित कर महिला डिमांड होम की व्यवस्था और सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता को क्लीन चिट दे दिया. लेकिन, इस बीच लड़की के पूछताछ का वीडियो वायरल होने के बाद बिहार में बवाल मच गया. पटना हाई कोर्ट ने भी इस मामले स्वतः संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव को पार्टी बनाते हुए जांच का आदेश दिया है. इसके साथ ही अभी तक की पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट भी कोर्ट नेसमाज कल्याण विभाग से मांगी है.
पुलिस ने नहीं दर्ज किया था एफआईआर
पीड़िता पूरे मामले की सबसे पहले पटना के गांधी मैदान थाना में सूचना लेकर पहुंची थी. वहां पर तैनात पुलिस वालों ने कहा कि यह मामला बहादुरपुर थाने से जुड़ा है. लड़की जब वहां गई तो वहां पर इसकी बात नहीं सुनी गई और न ही आरोपी के खिलाफ एफआईआर ही दर्ज किया गया. फिर लड़की पटना के डीएम के पास अपनी फरियाद लेकर गई थी. वहां से भी उसे भगा दिया गया था.
लाइफ बन जायेगा, कहकर लड़कियों को भेजती थी
ढाई मिनट के वीडियो में लड़की ने रिमांड होम के अंदर की खौफनाक हरकतों का खुलासा करते हुए बताया कि किस तरह से वहां रह रही लड़कियों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है. लाइफ बनाने के नाम पर सुंदर लड़कियों को गुप्त तरीके से रिमांड होम के बाहर लड़कों के पास भेजा जाता है. अक्सर रिमांड होम में बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है. जो लड़कियां सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता की बात नहीं मानती हैं, उन्हें दवा खिलाकर पागल बनाया जाता है.
तड़प कर मर गई थी दीदी
लड़की वीडियो काफी घबराई हुई है. वो अपने वीडियो में कबूल किया है कि उसके साथ भी ऐसी हरकत हुई थी. उसने वीडियो में बताया कि हसीना को रिमांड होम में फांसी लगा दिया गया था. उसने सुसाइड नहीं किया था। उसे मारा गया था. वो अपनी जिंदगी जीना चाहती थी. एक और महिला मरियम की उसने चर्चा करते हुए कहा कि वो बीमार थी. उसकी स्थिति गंभीर होने के बाद भी उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया. वंदना गुप्ता ने मरियम से इलाज के नाम पर चार हजार रुपया मांग रही थी. उसके पास पैसा नहीं था. इसलिए वो रिमांड होम में तड़प तड़प कर मर गई. उसको एक छोटा बच्चा भी है.