पटना: पटना को महानगर बनाने के लिए बनायी गयी पटना महानगर योजना समिति के पास अपना कार्यालय तक नहीं है. 2016 में पटना मास्टर प्लान 2031 पास किया गया था. लेकिन चार साल बाद भी समिति की बैठक नहीं हुई. इसे बनाने का एकमात्र उद्देश्य यह था कि ग्रामीण इलाकों को शहर में शामिल कर सुविधा बहाल की जाये. 2016 में हुई समिति की बैठक में सरकार के कई विभागों के अधिकारियों के साथ ही बाहर के विशेषज्ञ भी शामिल हुए थे. लेकिन उसके बाद एक बार भी बैठक नहीं हुई.
समिति के वर्तमान उपाध्यक्ष सतीश कुमार 2017 में महानगर समिति के उपाध्यक्ष बनाये गये थे. इन्होंने अपने स्तर पर संबंधित विभाग के अधिकारियों से कार्यालय बनाने का आग्रह किया था. इस पर कमरा देने का ऑर्डर भी हुआ था. लेकिन अभी तक कार्यालय के लिए कमरा नहीं मिला है. इसके साथ ही बैठक के लिए भी कई बार अनुरोध किया, लेकिन सारा प्रयास विफल रहा. समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी उप विकास आयुक्त रिची पांडेय हैं. उपाध्यक्ष सतीश कुमार ने बताया कि कई बार अनुरोध करने के बावजूद भी बैठक नहीं हुई. इसके साथ ही समिति के कार्यालय के कमरे के लिए भी वरीय अधिकारियों ने निर्देश दिया. लेकिन अभी तक कोई कमरा उपलब्ध नहीं कराया गया है.
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पटना को महानगर बनाने की योजना वर्ष 2015 में शुरू की गयी थी. इसके बाद 2016 में चुनाव के बाद समिति का गठन हुआ. समिति में नगर निगम और नगर पर्षद के 18 सदस्य होते हैं. इनके अलावे 12 सदस्य ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि होते हैं. इस दौरान वार्ड पार्षद संजय सिंह उपाध्यक्ष बने थे और इनके कार्यकाल में हुई बैठक में मास्टर प्लान 2031 पास किया गया था. इसी बैठक में बिहटा एयरपोर्ट को बनाने की मंजूरी दी गयी थी. महानगर योजना समिति के अध्यक्ष नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रभारी मंत्री है. इनके अलावे समिति में नगर विकास विभाग के साथ ही कई अन्य विभागों के अधिकारी भी सदस्य होते हैं.
पटना शहर, मसौढ़ी, फतुहा, बिहटा, मनेर, फुलवारी, पुनपुन, पटना शहर के दक्षिण का इलाका, नौबतपुर, संपतचक आदि.
पटना मास्टर प्लान 2031 पास होने के कारण ग्रामीण इलाकों की जमीन की खरीद-बिक्री पर रजिस्ट्री शुल्क ज्यादा देना पड़ रहा है. आवासीय व व्यावसायिक श्रेणी के आधार पर शुल्क लिया जा रहा है. जबकि कृषि भूमि की खरीद-बिक्री पर रजिस्ट्री शुल्क कम देना पड़ता था.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya