पटना मखाना महोत्सव के अवसर पर कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मखाना को हर थाल तक पहुंचाया जायेगा. व्यापारियों को गुणवत्ता, मानक और मार्केटिंग में प्रतियोगिता का सामना करने के लिए नेशनल और इंटरनेशनल मानकों का पालन करना होगा. आधुनिक यंत्रों का प्रयोग कर मखाना के उत्पादन एवं प्रसंस्करण को बढ़ावा देना होगा.
मखाना महोत्सव का आयोजन देश के अन्य राज्यों में भी किया जायेगा. मंत्री पटना के ज्ञान भवन में शनिवार को दो दिवसीय मखाना महोत्सव के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. मंत्री ने कहा कि पूरे देश में उत्पादन का 85 प्रतिशत से अधिक मखाना बिहार में होता है.
मखाना उत्तरी बिहार का महत्वपूर्ण फसल है. इससे इस क्षेत्र की की आजीविका आश्रित है. मंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों और उद्यमियों के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार की पहुंच अभी सीमित है. एपीडा की मदद से निर्यातकों के साथ संपर्क स्थापित कर कई निर्यात स्थानों तक ले जाया जायेगा.
यूएसए, यूके व खाड़ी देशों में मखाना का निर्यात
मंत्री ने कहा कि मखाना अब पड़ोसी देशों के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया तथा खाड़ी देशों में भी भेजा जा रहा है. बिहार में मखाना की खेती कुल 27,663 हेक्टेयर में की जाती है, जबकि 56,326 टन बीज/गुड़ी उत्पादन किया जाता है.
दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया तथा किशनगंज मखाना के प्रमुख उत्पादक जिले हैं. एक जिला, एक उत्पाद के तहत दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, कटिहार एवं अररिया में मखाना उत्पाद नामित है.
कार्यक्रम में ये लोग थे मौजूद:
मौके पर कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल, कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य बीज निगम डॉ आलोक रंजन घोष, निदेशक, उद्यान अभिषेक कुमार, उपमहानिदेशक, कृषि अभियंत्रण, आइसीएआर नयी दिल्ली डॉ एसएन झा, अपर सचिव शैलेंद्र कुमार आदि मौजूद थे.