Patna Metro : पटना मेट्रो के कॉरिडोर 2 में प्रायोरिटी वाले कॉरिडोर के रूप में चिह्नित मलाही पकड़ी-आईएसबीटी रूट पर आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है. सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर तक इस रूट के पांच में से चार स्टेशनों का ढांचा तैयार हो जाएगा. इसके बाद मार्च-अप्रैल तक इन स्टेशनों को फिनिशिंग टच देकर काम पूरा कर लिया जाएगा. वहीं इस रूट के पांचवे स्टेशन का निर्माण व्यस्त ट्रैफिक के कारण थोड़ा धीमा है, पर 2025 में इसके भी पूरा हो जाने की उम्मीद है.
दिसंबर तक तैयार हो जाएगा इन चार स्टेशनों का स्ट्रक्चर
पटना मेट्रो के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 6.5 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर पांच एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं. इनमें से आईएसबीटी, मलाही पकड़ी, जीरो माइल और भूतनाथ के पास बनने वाले मेट्रो स्टेशनों के लिए स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है. इन प्री-फैब्रिकेटेड स्टेशनों का स्ट्रक्चर दिसंबर तक तैयार हो जाएगा. उसके बाद अगले तीन-चार महीने तक फिनिशिंग टच देने का काम चलेगा.
खेमनीचक मेट्रो स्टेशन के निर्माण में लग रहा वक्त
खेमनीचक के पास व्यस्त यातायात और इंटरचेंज स्टेशन के कारण मेट्रो स्टेशन के निर्माण में थोड़ा समय लग रहा है. यह स्टेशन दो मंजिल का होगा, जहां से विभिन्न रूटों के लिए ट्रेनें उपलब्ध होंगी. अधिकारियों को उम्मीद है कि खेमनीचक मेट्रो स्टेशन का सिविल वर्क भी मार्च 2025 तक पूरा हो जाएगा.
मार्च 2025 तक डिपो का काम होगा पूरा
पटना मेट्रो के मुताबिक सबसे पहले आइएसबीटी डिपो का मार्च 2025 तक काम पूरा हो जायेगा. डिपो में मेट्रो बोगियों के मेंटेनेंस के साथ ही कंट्रोल सिस्टम लगेगा, जिससे गाड़ियां नियंत्रित होगी. यहां पर ऑटो कोच वाश प्लांट, वर्कशॉप शेड, इंस्पेक्शन शेड, इंटरनल क्लीनिंग शेड, रिसीविंग सब स्टेशन आदि बनेंगे. फिलहाल डिपो में मेट्रो बोगियों के मूवमेंट को लेकर ट्रैक बिछाए जाने का काम चल रहा है. इसको लेकर टेंडर प्रक्रिया काफी पहले ही पूरी कर ली गयी है.
कॉरिडोर के ट्रैक, इलेक्ट्रिक, सिग्नल और बोगी के काम में जनवरी से आयेगी तेजी
प्रायोरिटी कॉरिडोर पर 6.5 किमी तक बिछने वाले ट्रैक, उस पर चलने वाली ट्रेन (बोगियां), इलेक्ट्रिक लाइन और सिग्नल एवं टेलीकॉम व्यवस्था पर काम होना बाकी है. यह सभी काम जायका से मिलने वाले लोन फंड से होना है. पटना मेट्रो के एमडी अभय कुमार सिंह ने पिछले दिनों भरोसा दिलाया था कि जनवरी 2025 तक जायका का कंसल्टेंट नियुक्त हो जायेगा, जिसके बाद इन कार्यों में तेजी आयेगी. चूंकि यह सभी कार्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, इसलिए सभी पर एक साथ ही काम शुरू होगा.
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चार से पांच महीने का ड्राइ रन होगा जरूरी
इलेक्ट्रिक लाइन को लेकर एलिवेटेड लाइन पर पोल लगाये जा रहे हैं, लेकिन ट्रैक बनने तक उनके ऊपर बिजली तार नहीं लगाये जा सकते. इसी तरह, ट्रैक तैयार होने पर ही उसके मुताबिक बोगियों का ऑर्डर दिया जायेगा तथा सिग्नल व टेलीकॉम की व्यवस्था की जायेगी. बोगियां प्राप्त होने पर कम से कम चार से पांच महीने का ड्राइ रन भी इस रूट पर कराया जाना जरूरी होगा.