Patna Metro : न्यू आइएसबीटी और मीठापुर में बनेंगे विद्युत सब स्टेशन, 145 करोड़ रुपये की निविदा जारी
पटना मेट्रो को धरातल पर उतारने के लिए पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) तेजी से जुटा है. कंपनी ने एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के साथ ही मेट्रो के लिए न्यू आइएसबीटी व मीठापुर में डेडिकेटेड बिजली सब स्टेशनों की तैयारी कर ली है.
पटना. पटना मेट्रो को धरातल पर उतारने के लिए पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) तेजी से जुटा है. कंपनी ने एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के साथ ही मेट्रो के लिए न्यू आइएसबीटी व मीठापुर में डेडिकेटेड बिजली सब स्टेशनों की तैयारी कर ली है. इन बिजली सब स्टेशनों व ओवरहेड वायरिंग की निगरानी के लिए स्काडा सेंटर भी बनाया जायेगा.
कंपनी ने इसके लिए करीब 145 करोड़ रुपये की निविदा जारी की है. चयनित कंपनी को 36 माह में यह काम पूरा करना होगा. इसको लेकर इच्छुक एजेंसियों को 28 सितंबर तक टेंडर डॉक्यूमेंट जमा करने का समय दिया गया है.
चयनित एजेंसी दोनों रूट पर ओवरहेड वायर सिस्टम, स्विचिंग पोस्ट, 33 केवी रिंग व एलिवेटेड सेक्शन के लिए सब स्टेशन का निर्माण करने के साथ ही बिजली से जुड़े तमाम काम करेगी. फिलहाल न्यू आइएसबीटी व मीठापुर में सब स्टेशन का निर्माण होगा. मेट्रो के दोनों रूट के एलिवेटेड व अंडरग्राउंड कॉरिडोर के साथ ही आइएसबीटी डिपो की निगरानी के लिए स्काडा सेंटर का निर्माण किया जायेगा.
स्काडा को साॅफ्टवेयर-हार्डवेयर सेवाएं देगी एजेंसी
चयनित एजेंसी स्काडा सेंटर का निर्माण करने के साथ ही तमाम हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर सेवाएं देगी. स्काडा के माध्यम से बिजली ब्रेकडाउन पर बारीक नजर रखी जायेगी. किसी भी फॉल्ट की स्थिति में एक से दो सेकेंड में इसका पता चल सकेगा. साथ ही तुरंत उसकी मरम्मत करायी जा सकेगी. कम-से-कम 10 साल तक एजेंसी को इसकी देखरेख व मैनेजमेंट करना होगा.
एजेंसियों को तीसरी बार मिला समय
डेडिकेटेड मेट्रो बिजली व्यवस्था को लेकर एजेंसियों को यह तीसरा मौका मिला है. इसके लिए टेंडर डॉक्यूमेंट को सुधार के साथ पुन: जारी किया गया है. पहले इसे जमा करने के लिए दो सितंबर और फिर नौ सितंबर की तारीख रखी गयी थी, लेकिन निर्धारित योग्यता वाली कंपनियां उपलब्ध नहीं हो पाने से चयन नहीं हो सका.
ऐसे में निविदा भरने की समय सीमा 28 सितंबर तक बढ़ा दी गयी है. इसके लिए वैसी अनुभवी एजेंसी की तलाश है, जो पहले कम से एक या दो ऐसे काम कर चुकी हो. साथ ही उनका वार्षिक टर्नओवर 38.70 करोड़ रुपये से कम का न हो.
Posted by Ashish Jha