पटना मेट्रो की राशि मार्च क्लोजिंग की वजह से फंसी, सीएम नीतीश कुमार का निर्देश- प्रोजेक्ट समय पर हो पूरा
Patna Metro: पटना मेट्रो के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने अहम निर्देश अधिकारियों को दिये हैं. सीएम ने खुद निर्माण कार्य का जायजा लिया. इधर मार्च क्लोजिंग की वजह से राशि फंस गयी.
Patna Metro: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना मेट्रो रेलवे कॉरपोरेशन द्वारा निर्माण किये जा रहे पटना मेट्रो रेल के निर्माण कार्य की प्रगति का स्थल निरीक्षण कर जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने मलाही पकड़ी से पहाड़ी तक पटना मेट्रो रेल निर्माण कार्य को देखा और अद्यतन स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने पटना मेट्रो के विभिन्न एलाइनमेंट की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिये.
प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो- मुख्यमंत्री
स्थल निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि मेट्रो रेल के निर्माण कार्य में तेजी लाएं, ताकि यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो. उन्होंने कहा कि एलिवेटेड वर्क को आज दिखाया गया है.अंडरग्राउंड वर्क का कार्य भी जल्द शुरू करें. जब कार्य की शुरूरुआत होगी, तो हम आकर इसका निरीक्षण करेंगे.
अधिकारियों ने दी कार्य प्रगति की जानकारी
इस दौरान नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर एवं मेट्रो रेल के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को पहाड़ी पर रेखाचित्र के माध्यम से निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी. पटना मेट्रो रेल एलाइनमेंट कॉरिडोर- 1 एवं कॉरिडोर -2 के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी.
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492.41 करोड़ की जगह 182.41 करोड़ की निकासी ही मिली स्वीकृति
मार्च क्लोजिंग के चलते पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के भू-अर्जन मद की बड़ी राशि फंस गयी है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने सात मार्च को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 492.41 करोड़ रुपये भू-अर्जन मद में निकासी की स्वीकृति दी थी. मगर सीएफएमएस पोर्टल पर राशि की कैपिंग कर दिये जाने के कारण इस राशि की निकासी संभव नहीं हो सकी है. ऐसे में विभाग ने अपने ही आदेश को रद्द करते हुए सीएफएमएस पोर्टल पर उपलब्ध 182.41 करोड़ की निकासी की स्वीकृति दी है.
डिपो के लिए 76 एकड़ जमीन का अधिग्रहण :
पटना मेट्रो की डिपो के लिए न्यू आइएसबीटी के पास 76 एकड़ जमीन मिलनी है. जमीन के लिए दावा-आपत्ति ली जा चुकी है. जमीन का मुआवजा देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसके बाद मेट्रो को जमीन हस्तांतरित हो जायेगी. इसके साथ ही मेट्रो कंपनी के पास अपना एसेट यानी संपत्ति होगी जिसके एवज में ऋण लेने में आसानी होगी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan