पटना के मीठापुर बस स्टैंड शनिवार को पाटलिपुत्र बस टर्मिनल या आइएसबीटी बैरिया शिफ्ट हो गया. लेकिन इसके बारे में आम यात्रियों को सही से जानकारी भी नहीं थी. इससे उन्हें नये बस स्टैंड तक पहुंचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. आइएसबीटी का पता करना ही बहुत से यात्रियों के लिए मुश्किल था. इसका फायदा ऑटो वालों ने उठाया.
ऑटो वालों ने यात्रियों से मनमाना किराया वसूला. जिन यात्रियों के पास अधिक सामान थे, उन्हें मजबूरी में रिजर्व ऑटो कर आइएसबीटी तक आना पड़ा. शहर के विभिन्न हिस्सों से आइएसबीटी जाने का रास्ता पता करना ही यात्रियों के लिए एक समस्या बनी हुई है. इसका कारण आइएसबीटी तक आने वाले रास्तों पर साइन बोर्ड की कमी है.
यहां आये कई यात्रियों ने बताया कि वे पहले मीठापुर बस स्टैंड चले गये, वहां जाने पर बताया गया कि अब यहां से बस नहीं खुलेगी. बस पकड़ने के लिए आइएसबीटी जाएं. जबकि इसकी पहले से कोई सूचना प्रशासन द्वारा नहीं दी गयी थी. उनका कहना था कि अचानक हुई इस शिफ्टिंग से बेहतर होता कि कुछ दिनों पहले से ही प्रशासन इसकी सूचना यात्रियों को विभिन्न माध्यमों से देता.
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शनिवार को आइएसबीटी के बाहर मौजूद ऑटो वाले आइएसबीटी से अनिसाबाद तक का किराया 40 से 50 रुपये तक वसूल रहे थे. दूसरी ओर आइएसबीटी से मीठापुर तक का किराया 30 रुपये और जीरो माइल तक 20 से 30 रुपये वसूल रहे थे. पटना-गया रोड में आइएसबीटी तक आने वाली सड़क अभी अधूरी बनी है. बीच-बीच में सड़क निर्माण कार्य जारी है. दूसरी ओर बसों की संख्या बढ़ने से इस रोड में शनिवार को दिन भर जाम जैसी स्थिति बनी रही. पटना-गया रोड से बायपास सड़क पर मिलने वाली जगह और उसके आसपास सबसे ज्यादा जाम दिन भर लगा रहा.
आइएसबीटी बैरिया में पूर्व से ही छह जिलों के लिए बसें चल रही हैं और शनिवार से शेष जिलों के लिए भी यहीं से परिचालन होने लगा है. इससे यात्रियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है इसके बावजूद यहां पेयजल और शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गयी है. मुख्य रूप से बस स्टैंड के पिछले हिस्से में बहुमंजिली इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर हमें शौचालय दिखा, लेकिन वह ऐसी जगह पर है, जिसे तलाशना ही कठिन है. दूसरी ओर बस स्टैंड के अगले हिस्से में चलंत शौचालय दिखता है, लेकिन वह इतना गंदा है कि उसमें से कोई भी इस्तेमाल के लायक नहीं है. पानी के कई नल अभी ही खराब हो चुके हैं और पानी बर्बाद होता रहता है.
आइएसबीटी बस स्टैंड राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. यहां अत्याधुनिक बस स्टैंड बनना है, लेकिन बस स्टैंड का ज्यादातर काम अभी पूरा नहीं हुआ है और निर्माण कार्य चल ही रहा है. ऐसे में आधी अधूरी तैयारियों के साथ ही इस बस स्टैंड को शुरू कर दिया गया है. न तो यात्रियों के आराम करने की कोई व्यवस्था है और न ही यात्रियों के लिए अन्य बेहतर सुविधाएं विकसित हो पायी हैं. किस जिले के लिए कहां से बस खुलेगी, इसका पता भी यहां आने वाले यात्रियों को नहीं चलता है. इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है. बस स्टैंड के गेट पर से ही बस के खलासी और अन्य स्टाफ यात्रियों को पूछ-पूछ कर बस तक ले जाते हैं.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan