पटना में पिकनिक के दौरान गंगा को किया गंदा तो होगा एक्शन, नदी से ठोस कचरा हटाने का आदेश
Patna News: बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने आवयश्क कदम उठाते हुए नगर निकायों को गंगा में गिर रही गंदगी को रोकने के लिए सख्ती बरतने को कहा है.
Patna News: पटना. नये साल पर पिकनिक के दौरान गंगा को गंदा करनेवालों पर सख्ती बरती जाएगी. गंगा को प्रदूषित करने, उसमें कचरा फैलानेवालों पर जुर्माना लगाया जाएगा. सरकार जुर्माने के प्रावधानों को सख्ती से लागू करेगी. साथ ही गंगा किनारे फेंके गये ठोस अपशिष्टों को हटाने के इंतजाम किए जाएंगे. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है. उनके निर्देश के बाद बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने आवयश्क कदम उठाते हुए नगर निकायों को गंगा में गिर रही गंदगी को रोकने के लिए सख्ती बरतने को कहा है. साथ ही वैसे लोगों की पहचान करने को कहा है, जो गंगा के पानी को दूषित कर रहे हैं. लोगों को कचरा नहीं फेंकने, फैलाने के लिए जागरूक करने को होर्डिंग लगाने का आदेश भी दिया है.
गंगा में कचरा फेंकने पर तत्काल लगे रोक
बिहार सरकार के मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से कहा कि कई स्थानों से शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि नदियों में ठोस कचरा फेंका जा रहा है. इसके कारण जल प्रदूषित हो रहा है. नदियों के प्रवाह पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है. इस पर रोक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाया जाए. नगर निकायों की ओर से ठोस कचरा फेंकनेवालों पर जुर्माना के प्रावधानों को सख्ती से अमल में लाया जाए. फेंके गये ठोस अपशिष्टों को नदी के किनारे से हटाने के इंतजाम करने होंगे. उन्होंने पर्यावरण विभाग के साथ राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को आवश्यक और सख्त कदम उठाने का आदेश दिया है.
नदियों के जल की गुणवत्ता की हो रही समीक्षा
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर बताया गया है कि मंत्री ने जिला पर्यावरण समिति की ओर से भी स्थानीय स्तर पर गंगा को प्रदूषित होने से रोकने के लिए ठोस कार्रवाई करने को कहा है, ताकि शहर और औद्योगिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाली गंदगी सीधे नदी में नहीं जाए. होर्डिंग के माध्यम से आम लोगों को ठोस-अपशिष्टों, प्लास्टिक, निर्माण व विध्वंस अपशिष्ट, घरेलू या औद्योगिक कचरा को नदियों में प्रवाहित नहीं करने के लिए जागरूक करने के भी आदेश दिए गए हैं. बिहार में अवस्थित नदियों के जल की गुणवत्ता की समीक्षा के दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव की ओर से बताया गया कि गंगा के कुल 34 स्थानों पर माह में 2 बार और गंगा की सहायक नदियों पर कुल 70 स्थानों पर माह में एक बार जल के नमूनों का संग्रहण एवं विश्लेषण का काम हो रहा है.