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Patna News: पटना में राह चलते हमला कर रहे कुत्ते, 12 महीनों में एक लाख 63 हजार लोगों ने लिया एंटी रेबीज इंजेक्शन

Patna News: पटना शहर में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि, 12 महीनों में एक लाख 63 हजार लोगों ने एंटी रेबीज इंजेक्शन लिया है. 110 से अधिक मरीज रोजाना वैक्सीन लेने अस्पताल में पहुंच रहे हैं. रात तो रात दिन में भी कुत्तों का झुंड देखकर लोगों को रास्ता बदलना पड़ता है.

Patna News: राजधानी में कोई ऐसी गली, सड़क व मोहल्ला नहीं हैं, जहां आवारा कुत्तों की फौज नहीं है. पहले सुरक्षा के मद्देनजर कुत्तों को पाला जाता था. गलियों के कुत्तों को रोटियां खिलायी जाती थी, ताकि वह पहरेदारी कर सके. लेकिन, अब तो वो आतंक का पर्याय बन गये हैं. इनकी लगातार बढ़ रही आबादी को लेकर न तो पशु नियंत्रण विभाग, नगर-निगम व पशु कल्याण संगठन कोई ध्यान दे रहा है और न ही इनकी आबादी को कम करने के लिए किसी तरह का प्रयास किया जा रहा है. यही वजह है कि इन कुत्तों का आतंक अल सुबह से लेकर देर रात तक बना रहता है.

पीड़ित बोले- एक बार कुत्तों का झुंड पीछे पड़ जाये, तो उनसे बचना हो रहा मुश्किल

केस 1
न्यू गार्डिनर अस्पताल में गुरुवार को एंटी रैबीज इंजेक्शन लेने पहुंचे आकाश कुमार ने बताया कि मोहल्ले की सड़कों पर कुत्ते हमेशा झुंड बनाकर रहते हैं. रात में बाइक से उसी रास्ते से मैं घर जा रहा था, तभी कुत्तों ने हमला कर दिया. सड़कों पर आवारा कुत्तों की भरमार है, जो अक्सर आने-जाने वाले लोगों पर झपट पड़ते हैं.

केस 2
कंकड़बाग के रहने वाले राघवेंद्र कुमार के बेटे सौरभ कुमार को बीते पांच जनवरी को अशोक नगर में कुत्ते ने काट लिया. सौरभ ने बताया कि वह सब्जी लेकर देर शाम अपने घर जा रहे थे. आनन-फानन में उनको पीएमसीएच ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इलाज के बाद मरीज को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाया.

समस्तीपुर की घटना के बाद सहमे शहरवासी

समस्तीपुर जिले में दो दिन पूर्व एक 10 साल की बच्ची को कुत्ते ने नोंच-नोचकर मार था. इस घटना ने सबको हैरानी में डाल दिया है. यह घटना जिले के विभूतिपुर प्रखंड के चोचाही गांव की है. इस घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है. कुत्ते काटने के इस तरह के मामले राजधानी पटना में भी आ रहे हैं. खासकर पटना जिले में ठंड बढ़ने के साथ-साथ कुत्तों के काटने के मामलों में और भारी इजाफा हो गया है. पिछले दो सप्ताह में कुत्तों के काटने की घटनाएं इतनी बढ़ गयी हैं कि शहर के पीएमसीएच, एनएमसीएच, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल, आइजीआइएमएस के अलावा अनुमंडलीय व पीएचसी अस्पतालों में लगातार केस आ रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक बीते 20 दिनों से रोजाना 100 से 110 लोग एंटी-रेबीज वैक्सीन लेने अस्पताल पहुंच रहे हैं. यह संख्या न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह शहरवासियों के लिए एक बड़ा खतरा भी है.

कुत्तों का झुंड देखकर रास्ता बदल लेते हैं लोग

शहरवासियों का कहना है कि हर मोहल्ले और सड़कों पर आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है. शहर की शायद ही कोई सड़क या गली हो जहां इनकी दहशत न हो. राहगीर परेशान हैं, पर करें भी तो क्या? राह चलते अब कुत्ते हमला कर रहे हैं, लेकिन इस पर नकेल कसने के लिए नगर निगम प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है. इन कुत्तों का खौफ इस कदर छाया हुआ है कि लोग रात तो रात दिन में भी इनके झुंड को देखकर रास्ता बदल लेने में ही गनीमत समझते हैं.

सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज इंजेक्शन की बढ़ी खपत

पिछले एक साल में शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच, एम्स, न्यू गार्डिनर रोड, राजेंद्र नगर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटना सिटी गुरु गोविंद सिंह अस्पताल, एलएनजेपी हड्डी अस्पताल के अलावा दानापुर, गर्दनीबाग, फुलवारीशरीफ समेत सभी सरकारी अस्पतालों में कुत्ते काटने के केस आ रहे हैं. वर्ष 2023-24 यानी एक साल के अंदर कुल मिलाकर एक लाख 63 हजार एंटी रैबीज इंजेक्शन इस्तेमाल किए जा चुके हैं, जिनमें से अधिकांश कुत्ते के काटने के मरीजों के लिए थे.

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हर दिन सरकारी अस्पतालों में आ रहे हैं कई केस

सरकारी अस्पतालों में खपत हुए एंटी रैबीज इंजेक्शन के अनुसार जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पटना में हर दिन औसतन 100 लोग कुत्तों के काटने से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंचते हैं. इनमें से सबसे अधिक पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएसमीएच) में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने जाते हैं. बताया जा रहा है कि यहां पर हर दिन 35 से 40 लोग टीका लगवाने जाते हैं. पीएमसीएच के अलावा, नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) में 25, न्यू गार्डिनर अस्पताल में 15, गुरु गोविंद सिंह अस्पताल पटना सिटी में 20 और गर्दनीबाग अस्पताल में पांच से 10 मरीज हर दिन इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

ठंड में इस वजह से कुत्ते हो रहे आक्रामक : डॉ मनोज

न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के निदेशक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि ठंड के मौसम में कुत्ते काटे में मामले बढ़ते ही हैं. इस मौसम में आवारा कुत्तों को पर्याप्त मात्रा में खाना व ठंड से राहत को गर्मी का कोई विकल्प नहीं मिलता है. इसके अलावा वे ठंड से बचने की अपनी जगह व भोजन की सुरक्षा के लिए ज्यादा सतर्क हो जाते हैं और खतरा महसूस होते ही हमला कर देते हैं. झुंड में उनकी आक्रामकता और बढ़ जाती है.

ऐसे करें खुद का बचाव

  • भागे नहीं, कुत्ते पर नजर रखते हुए धीरे-धीरे और शांति से दूर जाने की कोशिश करें
  • अगर आपका सामना किसी आवारा कुत्ते से होता है, तो उसके साथ सीधे नजरें मिलाने से बचें क्योंकि इसे वे खतरे के रूप में देख सकते हैं.
  • आक्रामक आवारा कुत्ते घूम रहे हैं, तो इसकी सूचना अपने स्थानीय पशु नियंत्रण, नगर-निगम या पशु कल्याण संगठन को जरूर दें.
  • अगर आपके पास छाता या छड़ी जैसी कोई चीज़ है, तो इसकी मदद से आप अपने और कुत्ते के बीच एक रुकावट बना सकते हैं. ऐसे आप सेफ्टी बैरियर इक्विप्मेंट का उपयोग करें
  • आवारा कुत्तों से उचित दूरी बनाए रखें. खासकर अगर वे डरे हुए, आक्रामक या सुरक्षात्मक दिखाई देते हैं.
  • यदि कुत्ता आपको काटता है, तो उसे छोड़ दें और दूर चले जाएं. अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं
  • अगर आपके घर में पालतू कुत्ता है तो उसको ठंड से बचाव के लिए घर में कोई गर्म जगह मुहैया कराएं.

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