Patna News: विटामिन-D की कमी से बच्चे और युवाओं की हड्डियां हो रहीं कमजोर, जानें डॉक्टरों का चौकाने वाला खुलासा
Patna News: पटना के पीएमसीएच, एलएनजेपी हड्डी अस्पताल समेत अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों के ओपीडी में आने वाले सात से 15 वर्ष उम्र के 20 प्रतिशत बच्चों में भी विटामिन डी की कमी मिल रही है. थोड़ी सी चोट लगने पर भी हड्डियां चटक जा रही हैं. बिहार आर्थोपेडिक एसोसिएशन व पीएमसीएच हड्डी रोग विभाग की स्टडी में यह बातें सामने आयी हैं. जिसे देखते हुए एसोसिएशन की ओर से जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है.
Patna News: शरीर के लिए विटामिन ‘डी’ बेहद अहम है. ‘धूप’ मुफ्त में मिलने के बावजूद आज बड़ी संख्या में लोग इसकी कमी की वजह से कई तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. डॉक्टरों का मानना है कि विटामिन ‘डी’ हमारी हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और इन्हें लंबे समय के लिए स्वस्थ रखता है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली को भी मजबूत करता है. गर्मियों के मौसम में लोगों को जहां सूरज की रोशनी परेशान करती है, वहीं जाड़े में ये किसी वरदान से कम नहीं होती. पर अपार्टमेंट कल्चर, शहरीकरण और बंद कमरों में काम करने से शरीर में विटामिन ‘डी’ की बहुतायत में कमी हो रही है. यही वजह है कि बच्चों से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक को विटामिन ‘डी’ के सप्लीमेंट पर निर्भर रहना पड़ रहा है. पर डॉक्टर से लेकर योग गुरु का कहना है कि सूर्य की रोशनी से बड़ा विटामिन ‘डी’ का दूसरा कोई स्रोत नहीं है. शरीर में विटामिन ‘डी’ की कमी दूर करने के लिए धूप में कुछ समय के लिए जरूर जाएं.
मांसपेशियों में दर्द के बाद बच्चे पहुंच रहे अस्पताल
मांसपेशियों में कमजोरी के बाद दर्द से परेशान बच्चे शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एलएनजेपी हड्डी अस्पताल, एनएमसीएच और एम्स अस्पताल में इलाज कराने पहुंच रहे हैं. जिसको देखते हुए हड्डी के डॉक्टरों ने हाल ही में एक स्टडी किया. जिसमें संबंधित अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले करीब 320 पीड़ित बच्चों की हिस्ट्री निकाली गयी. जिसमें अधिकांश बच्चे रिकेट्स (सूखा रोग) बीमारी से ग्रसित पाये गये. सूखा रोग से पीड़ित बच्चों की उम्र सात से 15 साल के बीच है. पीड़ित बच्चों के इलाज के बाद डॉक्टरों ने रोजाना आधे घंटे धूप में खेलने की सलाह दी. डेढ़ महीने तक धूप व इलाज के बाद बच्चों के मांसपेशियों के दर्द में कमी दर्ज की गयी.
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मरीज करवाते रहें शरीर में कैल्शियम की जांच
डॉक्टरों के अनुसार बोन मिनरल डेंसिटी या हाइड्रोक्सी से कैल्शियम की जांच की जाती है. रक्त में विटामिन ‘डी’ का सामान्य लेवल 50 से 20 नैनोग्राम रहना चाहिए. लेकिन 20 नैनोग्राम तक रहे तो सतर्क होना चाहिए. इसे धूप, विटामिन डी की गोली या खानपान से बढ़ाया जा सकता है. साथ ही परिजन अपने बच्चों को इंडोर गेम को छोड़कर खुले मैदान में खेलने के लिए प्रोत्साहित करें.
विटामिन ‘डी’ की कमी से ये हो रही परेशानी
- धूम की कमी से बच्चों के टांगे कमजोर होने के साथ मुलायम हो रही हैं
- एलाइमेंट पर असर होने की वजह से टांगे टेढ़ी हो गयी
- मांसपेशियों में कमजोरी व मेरुदंड में असमान्य टेढ़ेपन की समस्या
- सूखा रोग की वजह से बच्चों के कलाई, घुटने व जोड़ों के आसपास की हड्डियों में दर्द व जरूरत से कुछ ज्यादा मोटी होती हैं
धूप में रखें, खूब खाएं गाजर
सूर्योदय के समय धूप में रहने से विटामिन डी ज्यादा मिलती है. इससे चर्म रोग होने की संभावना कम रहती है. इसके अलावा मछली, अंडे का पीला भाग खाना, गाय का दूध, पनीर, मक्खन, छाछ पीना, गाजर का सेवन करें.
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इन्हें नहीं खाने से बचें
- फास्ट फूड
- वसायुक्त आहार
- ज्यादा शक्कर वाले खाद्य पदार्थ
- कैफीन
- तेल-मसाला
- मोबाइल-टीवी के साथ नहीं, धूप में खेलें बच्चे
बिहार आर्थोपेडिक्स एसोसिएशन के सचिव और पीएमसीएच में हड्डी रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर कहते हैं, बच्चों में आउटडोर खेलकूद से दूरी बनाने और अधिक मोबाइल, टीवी, वीडियो गेम से लगाव बढ़ने के कारण बच्चों में विटामिन ‘डी’ की कमी पायी जा रही है. पीएमसीएच में इस तरह के मामले अधिक आ रहे हैं. जिसे देखते हुए हड्डी रोग विभाग व बिहार आर्थोपेडिक्स एसोसिएशन ने स्टडी के बाद बच्चों के माता-पिता में जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है.
- सर्दियों में खिली धूप का लें भरपूर आनंद
आइजीआइसी के शिशु रोग विशेषज्ञ, डॉ एके अग्रवाल कहते हैं, नयी जीवनशैली में बच्चों को समय नहीं मिलता की वे धूप का आनंद ले सकें. सुबह स्कूल जाने की तैयारी में धूप के दर्शन नहीं होते. शाम में स्कूल से आने के बाद घरों में कैद हो जाते हैं. ऐसे में उन्हें धूप का तो दर्शन भी नहीं होता. 85 फीसदी विटामिन डी जिसे कैल्सिफेरोल के रूप में भी जाना जाता है, शरीर को आवश्यकता होती है. इससे शरीर में कैल्शियम का संतुलन बना रहता है व हड्डियां भी मजबूत रहती हैं.
इन्हें भी जानें
- विटामिन ‘डी’ की कमी से शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस अवशोषित करने में दिक्कत होती है.
- कैल्शियम और फास्फोरस, दूध और डेयरी उत्पादों में पाये जाते हैं और मजबूत हड्डियों के लिए जरूरी होते हैं.
- विटामिन ‘डी’ की कमी के कारण हड्डियों में कैल्शियम और फास्फोरस का स्तर कम हो जाता है.
- शरीर हड्डियों से जरूरी कैल्शियम खींच लेता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और टूटने की आशंका बढ़ जाती है.
ये लक्षण दिखे तो समय रहते हो जाएं अलर्ट
जोड़ों में अकड़न व सूजन, तेज दर्द, जोड़ों से तेज आवाज आना, उंगलियों या दूसरे हिस्से का मुड़ने लगना जैसे लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं. बीमारी की शुरुआत में जोड़ों में अकड़न के साथ दर्द होना शुरू होता है. कुछ समय बाद जोड़ों में तेज दर्द होने लगता है और सूजन आने लगती है.
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