Patna News: पटना में रहना है तो सीख लें ये काम, वर्ना दो अक्तूबर से लगेगा 500 रुपये जुर्माना

Patna News: पटना नगर निगम इससे पहले तीन लाख मैसेज भेज कर शहर के सभी रजिस्टर्ड होल्डिंग ऑनर को इसके लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. लोगों को समझाने के लिए वार्डों में दैनिक मानदेय पर 375 महिला मोबलाइजर नियुक्त की जायेंगी.

By Ashish Jha | July 28, 2024 8:07 AM

Patna News: पटना. पटना नगर निगम ने शहरवासियों के लिए एक नये दंड का प्रवधान किया है. अब अगर निगमकर्मियों को गीजा और सूखा कचरा अलग-अलग नहीं देगा, निगम ऐसे लोगों से जुर्माना वसूलेगा. गीला व सूखा कचरा अलग-अलग नहीं देने पर दो अक्तूबर से पटना नगर निगम 500 रुपये जुर्माना वसूलेगा. इससे पहले तीन लाख मैसेज भेज कर शहर के सभी रजिस्टर्ड होल्डिंग ऑनर को इसके लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. लोगों को समझाने के लिए वार्डों में दैनिक मानदेय पर 375 महिला मोबलाइजर नियुक्त की जायेंगी. ये हर वार्ड में घूमने वाली डोर टू डोर कचरा गाड़ी के साथ घर-घर जायेंगी और लाेगों को गीला और सूखा कचरा को अलग-अलग करने के लिए समझायेंगी. वे उनसे टूटे ब्लेड, पिन जैसे नुकीले और खतरनाक चीजों को अलग और मेडिकल कचरा को अलग से संग्रहित करने का भी आग्रह करेंगी और इन्हें अलग से कचरा गाड़ी में डालने को भी कहेंगी.

अगले सप्ताह से स्मार्ट सिटी भवन में दिया जायेगा प्रशिक्षण

महिला मोबलाइजरों को अगले सप्ताह से स्मार्ट सिटी भवन में यूएनएपीए की ओर से प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके साथ ही निगम कर्मियों को भी इस अभियान से जोड़ा जायेगा और कुल 1500 लोगों को लोगों को कचरा सेग्रीगेशन के बारे में नागरिकों को जागरूक करने के लिए लगाया जायेगा, जिनमें कचरा गाड़ी के चालक के साथ घूमने वाले और कचरा उठाकर गाड़ी में रखने वाले सफाईकर्मी भी शामिल होंगे. अलग अलग किस्म के कचरे को अलग-अलग संग्रहित कर कचरा गाड़ी को देने पर नगर निगम को न केवल निस्तारित करने में सुविधा होती है बल्कि इस पर स्वच्छता सर्वेक्षण में कुछ अंक भी तय होते हैं जिनके मिलने से रैंकिंग बढ़ती है. गीला कचरा अलग से मिलने पर उनसे खाद बनाना भी संभव होता है.

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गांवों में कचरा उठाव के लिए खरीदे गये 14879 रिक्शे खराब

इधर, बिहार के गांवों में कचरा उठाव के लिए खरीदे गये 14879 रिक्शे खराब हो गये. 1173 इ-रिक्शा और 13706 पैडल रिक्शे खराब पड़े हैं. इनसे कचरा उठाव का काम बंद हो गया है. बैट्री बैकअप, चार्जिंग में समस्या और मोटर में खराबी आने के कारण ये रिक्शे खराब हो गये. टायर खराब हो जाने और पैडल रिक्शे पर लगी डस्टबिन टूट जाने के कारण भी बड़ी संख्या में रिक्शे बेकार हो गये. मेंटेन नहीं रखने के कारण भी ये उपयोग में नहीं हैं. स्वच्छताग्राहियों के मानदेय नहीं मिलने के कारण भी कचरा उठाव के पहिये थम गये. ये तथ्य ग्रामीण विकास विभाग की ओर से की गयी समीक्षा में आये हैं. विभागीय अधिकारियों ने इसकी समीक्षा का आदेश दिया है.

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