पटना के इन छह घाटों पर पहुंचना मुश्किल, छठ व्रतियों के लिए खोजा जा रहा नया रास्ता…

Patna News: रास्ता नहीं होने से पटना के इन छह घाटों पर छठ होना मुश्किल हो गया है. इनमें पहलवान घाट, एलसीटी घाट, बांस घाट, कलेक्ट्रेट घाट, टीएन बनर्जी घाट और मिश्री घाट शामिल हैं. इन घाटों पर जाने का रास्ता अलग-अलग वजहाें से बाधित है.

By Abhinandan Pandey | October 18, 2024 8:04 AM

Patna News: रास्ता नहीं होने से पटना के इन छह घाटों पर छठ होना मुश्किल हो गया है. इनमें पहलवान घाट, एलसीटी घाट, बांस घाट, कलेक्ट्रेट घाट, टीएन बनर्जी घाट और मिश्री घाट शामिल हैं. इन घाटों पर जाने का रास्ता अलग-अलग वजहाें से बाधित है. पहलवान, एलसीटी घाट, बांसघाट घाट जाने के रास्ते में जगह-जगह पानी लगा है, जिसे सुखाने या गड्ढे को भर कर उसके ऊपर से रास्ता बनाने के बाद ही वहां पहुंचने का रास्ता बनाया जा सकता है.

कलेक्ट्रेट घाट जाने के रास्ते में जो नालेनुमा बाधा है, उसे पाटना तो और भी अधिक मुश्किल है. क्योंकि वह गंगा की मुख्यधारा से जुड़ा है. ऐसे में समय के साथ ही वह सूख सकता है और इसके लिए 10-12 दिनों तक इंतजार करना पड़ सकता है.

अभी एक मीटर घटेगी गंगा की धारा

विभिन्न छठ घाटों पर बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष अभी गंगा का जलस्तर लगभग एक मीटर अधिक है. ऐसे में छठ घाटों के निर्माण से जुड़े इंजीनियरों व ठेकेदारों का अनुमान है कि इस वर्ष भी अभी गंगा की धारा पांच-सात दिनों में एक मीटर तक पीछे हटेगी. उसके बाद ही कीचड़ को सुख कर और बालू के बोरे डाल कर घाटों को तैयार किया जायेगा.

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अभी पहुंच पथ के निर्माण पर दिया जा रहा जोर

गुरुवार तक 109 में लगभग 90 छठ धाटों पर निर्माण कार्य शुरू हो गया है. नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने बताया कि पानी का स्तर बढ़े होने के कारण अभी घाटों के निर्माण के बजाय पहुंच पथ बनाने पर जोर दिया जायेगा. इसके लिए नगर निगम के पदाधिकारी काम में जुट गये हैं और ठेकेदार भी पूरा प्रयास कर रहे हैंं.

मिश्री और टीएन बनर्जी घाट पर पहुंच पथ के लिए बीएसआरडीसी की ली जायेगी सहायता

पीएमसीएच के नये भवन का निर्माण कार्य होने के कारण मिश्री घाट और टीएन बनर्जी घाट पर पहुंचने का रास्ता बाधित हो गया है. नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने बताया कि इसके लिए पिछले वर्ष भी बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बीएसआरडीसी) से बात की गयी थी और इस वर्ष भी उससे बात करके वैकल्पिक रास्ते तलाशने का प्रयास किया जायेगा. वैकल्पिक रास्ता मिलने के बाद ही वहां छठ के लिए घाटों को तैयार करने का काम शुरू किया जायेगा.

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