पटना के पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने एक और साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है. वह साइबर ठगी के साथ-साथ सट्टेबाजी में भी पैसा लगाता था. दरअसल, एसआइ अविनाश कुमार अपने बल के साथ गश्ती कर रहे थे. इसी दौरान दोपहर में योगीपुर के समीप स्कूटी सवार युवक पुलिस को देख भागने लगा. पुलिस ने खदेड़ कर उसे पकड़ा और तलाशी ली, तो उसके बैग से करीब ढाई लाख रुपये कैश, विभिन्न बैंकों के छह एटीएम कार्ड, दो चेकबुक और 9 पासबुक मिले हैं.
गिरफ्तार आरोपित विशाल चौधरी नालंदा के सोरडीह तेल्मर का रहने वाला है और पटना के कुम्हरार इलाके में किराये के मकान में रहता था. इंटर का छात्र है. मालूम हो कि महज तीन दिन पहले तेलंगाना की पुलिस ने पत्रकार नगर थाना क्षेत्र से आकाश नाम के आरोपित को गिरफ्तार किया था, जिसके पास से 33 लाख रुपये मिले थे.
गिरफ्तार आरोपित ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि सट्टेबाजी के दौरान इसकी दोस्ती नालंदा के साइबर गिरोह से हुई. गिरोह के सरगना ने इससे हर माह 20 हजार रुपये देकर अपने खाते को किराये पर देने को कहा. यह सुनते ही विशाल ने पैसे की लालच में उसने हां कह दिया. इसके बाद इसने गांव के भोले-भाले लोगों का खाता खुलवाकर उन्हें पैसे का लालच देकर उनका एटीएम अपने पास रख लिया. धीरे-धीरे वह खुद साइबर ठगी के धंधे में उतर गया और एक साल में 67 लाख रुपये से अधिक की ठगी की. पुलिस ने बरामद बैंक खातों की जांच की, तो कई राज सामने आये.
पूछताछ में पता चला कि विशाल साइबर ठगी से अर्जित पैसे को डबल करने के चक्कर में आइपीएल और बीपीएल में सट्टा लगाता था. जांच के दौरान आरोपित के मोबाइल में कई सारे बेटिंग एप मिले हैं. वहीं पुलिस अब इसके मोबाइल से कॉल डिटेल निकाल रही है कि आखिर उस वक्त पैसा देने के लिए उसने किसे फोन किया था. जांच में पता चला कि आरोपित किसी को पैसा देने वाला था और उसी का इंतजार कर रहा था.
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थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि आरोपित की गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने उसकी निशानदेही पर कमरे में छापेमारी की, तो वहां कुछ नहीं मिला. पुलिस को संभवत: शक है कि इसके साथी को गिरफ्तारी की भनक लग गयी, जिसके बाद उसने रूम से सारा सामान हटा लिया. वहीं इसके बैंक डिटेल को खंगाल रही है और खाता को फ्रीज कराया जा रहा है.