ऑपरेशन क्लिन अप के तहत पटना पुलिस के 21 कांस्टेबल सेवा से बर्खास्त कर दिये गये हैं. इनमें 11 ऐसे कांस्टेबल थे, जो लगातार पांच साल से ड्यूटी पर अनुपस्थित थे, लेकिन उनकी खोज खबर लेने वाला भी कोई नहीं था. पांच पर मद्यनिषेध से संबंधित आरोप था और दो कांड के अभियुक्त रहे हैं, जबकि तीन कांस्टेबल पर भ्रष्टाचार का आरोप है.
इन सभी कांस्टेबल के संबंध में उस समय एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों काे जानकारी हुई, जब उन्होंने पटना में योगदान देने के बाद जनवरी में पटना पुलिस लाइन में कांस्टेबल की स्थिति की समीक्षा की. इसके बाद एसएसपी ने पुलिस मुख्यालय से इन सभी 21 कांस्टेबल पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की. इसके बाद इन सभी को बर्खास्त कर दिया गया है. एसएसपी ने इसकी पुष्टि की और बताया कि अलग-अलग आरोपों के तहत उन पर कार्रवाई की गयी है.
नितेश कुमार, हरेंद्र प्रसाद, नितीश कुमार, भूषण कुमार, रानी कुमारी, अशोक कुमार, शशिभूषण तिवारी, नंद कुमार यादव, शंकर कुमार, अर्पनेश कुमार व रामानंद कुमार
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बहादुर उरांव, अखिलेश पाठक, विशेष कुमार सिंह और अजय कुमार पर शराब पीने का आरोप था. इन कांस्टेबल को बर्खास्त किया गया.
– श्रीकांत पांडेय सरकारी गाड़ी के इंधन व मीटर रीडिंग में अनियमितता बरतने
– श्रीराम मालाकार खगड़िया में 2015 में दर्ज केस में अभियुक्त होने का आरोप
– इंद्रजीत तिवारी नशे की हालत में सरकारी शस्त्र से तीन राउंड फायर करने का आरोप
– वेध निधि उर्फ लाली कदमकुआं थाने में वर्ष 2018 में दर्ज एक केस में नामजद अभियुक्त हाेने के कारण
– रविकांत तिवारी नवीन पुलिस केंद्र पटना में रखे सरकारी बुलेट मोटरसाइकिल की चोरी करने का आरोप
– अजय कुमार निगरानी थाने में दर्ज भ्रष्टाचार के केस में आरोपित होने का आरोप