बिहार की राजधानी पटना में डेंगू का प्रकोप लगातार जारी है. यहां प्रतिदिन 400 के आस पास मरीज मिल रहे हैं. शहर में डेंगू मरीजों की संख्या 4400 के पार पहुंच चुकी है. ऐसे में शहर के अधिकांश प्राइवेट लैब लोगों को डेंगू का डर दिखा कर लूट रहे हैं. इन लेबोरेटरी से आने वाले डेंगू टेस्ट अधिकांश पॉजिटिव पाये जा रहे हैं. आइजीजी (इम्यूनग्लोबिन जी) टेस्ट के बदौलत ही डेंगू का संदेह बताकर व भ्रमित करने के लिए तीन तरह का जांच किया जा रहा है.
प्राइवेट लैब में हो रहे टेस्ट में आइजीजी, आइजीएम और एनएस 1 शामिल हैं. इस कोंबो पैकेज टेस्ट की राशि 2250 से लेकर तीन हजार तक वसूली जा रही है. जबकि डेंगू की एलिजा आइजीएम (इम्यूनग्लोबिन एम) और एनएस 1 (नान स्ट्रक्चल प्रोटीन 1) टेस्ट से सही पुष्टि होती है. इन टेस्ट में ताजा वायरस इंफेक्शन मिलता है, जबकि आइजीजी टेस्ट में काफी समय पहले का वायरस इंफेक्शन भी दर्शाता है. लेकिन कई निजी लेबोरेटरी में बेवजह तीनों टेस्ट करवाकर मरीजों से हजारों की अतिरिक्त राशि वसूली जा रही है. आइजीजी टेस्ट में पॉजिटिव कर करा देते हैं तीन जांच
पटना के अधिकांश निजी लेबोरेटरी में डेंगू सीजन को कैश किया जा रहा है. इन लैबों में अगर कोई बुखार से पीड़ित या डेंगू के लक्षण वाला मरीज टेस्ट के लिए पहुंचता है. तो उसे आइजीजी, आइजीएम और एनएस 1 कोंबो टेस्ट करवाने के लिए कहा जाता है. जबकि आइजीजी टेस्ट की कोई जरूरत नहीं है. मजेदार यह है कि अधिकांश मामलों में पुराने वायरस इंफेक्शन के कारण आइजीजी टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है और कई निजी लेबोरेटरी अपनी जेबें भरने के लिए लोगों को डेंगू पॉजिटिव बता रहे हैं. अब इसके बाद मरीज डाक्टर के पास पहुंचकर खुद को डेंगू पॉजिटिव बता रहा है, जिससे उसे बेवजह मल्टीविटामिन, एंटीबॉडी सहित अन्य दवाओं का सेवन करने के लिए कहा जाता है.
शहर के सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच पूरी तरह से नि:शुल्क की जा रही है. शहर के पीएमसीएच, एनएमसीएच, गार्डिनर रोड, गर्दनीबाग, एलएनजेपी हड्डी अस्पताल, जीजीएस हॉस्पिटल पटना सिटी के अलावा जिले के दानापुर, मसौढ़ी, बाढ़, मोकामा आदि अनुमंडलीय व रेफरल अस्पतालों में संबंधित तीनों जांच की सुविधा है. ये सभी टेस्ट इन सरकारी अस्पतालों में निशुल्क होते हैं. इसके अलावा आइजीआइएमएस व पटना एम्स में काफी कम दर में ये तीनों जांच हो रही हैं.
आइजीआइएमएस के निदेशक व नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ बिभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि अगर आप डेंगू से पीड़ित हैं, तो घबराएं नहीं. सतर्क रहकर ही इससे बचाव किया जा सकता है. इसमें डॉक्टर की सलाह पर बुखार और एंटीबायोटिक दवाएं के साथ खुलकर तरल पदार्थ लें. तरल पदार्थों में नारियल पानी, नींबू पानी, ओआरएस का घोल, दही का पानी आदि का सेवन करें. डेंगू फैलाने वाले मच्छर से भी बचने की जरूरत है. ऐसे में डेंगू मच्छर को फैलने से रोके. डेंगू का मच्छर साफ पानी से पनपता है. लोगों को अपने घरों तथा आस-पास के जगहों पर पानी खड़ा नहीं होने देना चाहिए. अगर किसी को बुखार होता है और डेंगू का शक होता है तो लोग तुरंत अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर अपनी जांच करवाएं. अभी सावधानियां बरतने की जरूरत है.
सिविल सर्जन डॉ केके राय ने बताया कि लोगों को बुखार से भ्रमित होकर सभी टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है. डेंगू के लक्षण मिलने पर डॉक्टरी सलाह के बाद ही एलिजा टेस्ट करवाएं. पीड़ित ये टेस्ट सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क करवा सकता है. इसके लिए निजी लैब में जाने की जरूरत नहीं है. ऐसे में आप महंगे टेस्ट कराने से बचे. वहीं कोई जान बूझ कर यह टेस्ट करता है तो सिविल सर्जन कार्यालय में शिकायत भी करें. वहीं अगर आपको कोई निजी लैब वाला कोंबो पैकेज टेस्ट करवाने के लिए कहता है, तो इसके लिए आपको जागरूक होना चाहिए.