Photos : ठंड बढ़ते ही प्रवासी पक्षियों से गुलजार हुआ पटना, अबतक 20 से ज्यादा प्रजाति पहुंचे राजधानी जलाशय
विशेषज्ञ के मुताबिक पटना के राजधानी जलाशय में 50% पक्षियां देश-विदेश की हैं. वहीं 50 फीसदी बिहार में पाई जाती हैं. ग्रीनिश वार्बलर करीब तीन हजार किमी की दूरी तय कर पटना पहुंची है.
पटना के सचिवालय परिसर में 10 एकड़ से ज्यादा में फैला राजधानी जलाशय इन दिनों देशी-विदेशी पक्षियों के आगमन से गुलजार हो गया है. ठंड के दस्तक देते ही इन प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है. जलाशय में एशिया, इंडोनेसिया, यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और नॉर्थ अफ्रीका की प्रवासी पक्षी गैडवॉल, ऑस्ट्रेलियन कूट या कॉमन कूट पक्षी यह एशिया अस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड में पायी जाती है यह भी यहां आ गयी है. साउथ अफ्रीका, भारत, बांगलादेश, आस्ट्रलेशिया में पायी जाने वाली गेरगेनी, यूरोसाइबेरिया की फेरोजिनस डक या वाइट आइड पोकार्ड समेत जलाशय में देशी और विदेशी पक्षियों के 20 से ज्यादा जोड़े देखे जा चुके हैं. वहीं 4700 से अधिक विभिन्न प्रजातियों की पक्षियां आ चुकी हैं.
विदेशी पक्षियों का झुंड जलाशय में आने लगापटना पार्क के डीएफओ शशिकांत ने बताया कि ठंड के आते ही विदेशी पक्षियों का झुंड जलाशय में आने लगा हैं. इसमें अब तक 20-25 जोड़े देशी-विदेशी पक्षी के आ चूके हैं जिसमें गैडवॉल के 12 से ज्यादा जोड़े, कॉमन कूट के आठ, गैरगेनी के 4 से ज्यादा जोड़े समेत अन्य पक्षियां यहां देखे जा रहे हैं.
विशेषज्ञ के मुताबिक जलाशय में 50% पक्षियां देश-विदेश की हैं. वहीं 50 फीसदी बिहार में पाई जाती हैं. ग्रीनिश वार्बलर करीब तीन हजार किमी की दूरी तय कर पटना पहुंची है. यह पक्षी मध्य एशिया, तजाकिस्तान, तुर्किस्तान, मंगोलिया और अफगानिस्तान को पार कर भारत आती है. यह हमेशा झुंड में रहती हैं. प्रवासी पक्षी किसी खास जगह पर अनुकूल मौसम और भोजन की तलाश में आते हैं.
स्कूली बच्चों को गाइड देंगे पक्षियों की जानकारीराजधानी जलाशय में आने वाले पक्षियों को देखने के लिए स्कूली बच्चे भी आ सकते हैं. स्कूली बच्चों को फ्री में जलाशय की सैर करायी जायेगी. एकबार में 20 स्कूली बच्चों को सैर कर सकते हैं. इसके लिए स्कूल के प्रिंसिपल या शिक्षक को इको पार्क स्थित रेंज ऑफिस में संपर्क कर सकते हैं. जलाशय भ्रमण के दौरान बच्चों के साथ एक गाइड होगा, जो पक्षियों के बार में जानकारी देगा.
जलाशय आने वाली पक्षियों के नामगैडवॉल, कॉमन कूट, गैरगेनी, व्हाइट आइड पोकार्ड, ब्लैकबी हॉर्न, ब्राउन विंग्ड जकाना, लेसर विसलिंग डक, कॉमन मूरहेन, व्हाइट ब्रेस्टेड वॉटर हेन, लिटल ग्रीब, कॉटन टील बर्ड, जंगल बैबलर,एशियन कोयल, व्हाइट ब्रेस्टेड किंगफिशर, रफस ट्रीपाइ, ब्लैक काइट, पॉन्ड हिरोन, कैटल इगरेट, साउंड ऑफ वॉर्बलर, लिटल कॉरमोरेंट