पटना ना हो जलजमाव, सीएम नीतीश ने अधिकारियों को सतर्कता के साथ तैयारी के दिये निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा है कि वे बेहतर तरीके से संभावित बाढ़ से निबटने के उपाय करें. मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को हुई करीब छह घंटे की मैराथन बैठक में वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ पूर्व तैयारियों की उन्होंने उच्चस्तरीय समीक्षा की.

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2020 5:52 AM

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा है कि वे बेहतर तरीके से संभावित बाढ़ से निबटने के उपाय करें. मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को हुई करीब छह घंटे की मैराथन बैठक में वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ पूर्व तैयारियों की उन्होंने उच्चस्तरीय समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने संभावित बाढ़ से बचाव की सारी तैयारियों को बेहतर तरीके से करने का निर्देश दिया. साथ ही कोरोना संक्रमितों के लिए आइसोलेशन सेंटरों की संख्या जरूरत के अनुसार बढ़ाने की तैयारी करने के लिए कहा. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कोविड-19 के साथ हमें बाढ़ से भी लड़ना पड़ सकता है. दोनों काम चुनौतीपूर्ण होगा. उन्होंने अधिकारियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि उनलोगों ने हर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया है. समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, उर्जा मंत्री विजेंद प्रसाद यादव, सिंचाई मंत्री संजय झा,पीएचइडी मंत्री विनोद नारायण झा, आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय समेत सभी विभागों के प्रधान सचिव भी मौजूद थे.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि कोराना संक्रमण को देखते हुए बाढ़ प्रभावितों के लिए इस बार अधिक संख्या में आपदा राहत केंद्र बनाये जायें. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इन केंद्रों में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखने को कहा. इन केंद्रों पर मेडिकल स्क्रीनिंग और इलाज की भी बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करें. कोविड-19 को आपदा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी लगातार समीक्षा हो रही है. टेस्टिंग की संख्या बढ़ायी जा रही है. कोरेंटिन सेंटर में रहने वाले एक व्यक्ति पर सरकार 5300 रुपये खर्च कर रही है.

अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के समय जीवन रक्षक दवाओं के साथ सर्पदंश और एंटीरेबीज दवाओं का पर्याप्त मात्रा में इंतजाम रखें. उन्होंने प्रमंडलीय आयुक्तों को खाने-पीने सहित अन्य राहत सामग्रियों के दर का निर्धारण और आपूर्तिकर्ताओं का चयन निश्चित रूप सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी दी. बाढ़ के दौरान उचित दर पर पशु चारे, दवा, पशु शिविर का संचालन और पशुओं के इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पटना सहित अन्य शहरों में भी बेसहारा पशुओं को रखने के लिए गौशालाओं की व्यवस्था करनी होगी.

आपदा पीड़ितों की चिंता

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी चिंता आपदा पीड़ितों को लेकर है. सरकार के खजाने पर उनका पहला अधिकार होता है. उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग को इस संबंध में पैसे की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. जलजमाव से निपटने के लिए नगर विकास विभाग सभी नगर निकायों को पर्याप्त राशि का आवंटन करे जिससे नगर निकायों में संसाधनों की कमी नहीं रहे. खासकर पिछले वर्ष पटना में जलजमाव का जिक्र करते हुए उन्होंने अधिकारियों से ऐसी स्थिति से निबटने के लिए तैयारी करने को कहा. साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तर्ज पर ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए तेजी से काम करने के लिए कहा.

नेपाल से जुड़ी योजनाओं को करवायें पूरा

उन्होंने नेपाल से जुड़ी लंबित योजनाओं को पूरा कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया. गंगा नदी में वाटर लेवल बढ़ने पर बाढ़ की स्थिति में टाल क्षेत्र में फंसे लोगों और सोन नदी से बाढ़ की स्थिति में दियारा के लोगों को बाहर निकालने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम की तैनाती और मुख्यालय में रिजर्व टीम रखने का निर्देश दिया.

नावों की होगी नि:शुल्क व्यवस्था

बाढ़ के दौरान नावों की व्यवस्था करने और इसके लिए दर निर्धारित करने का निर्देश दिया. इन नावों का परिचालन सरकार नि:शुल्क करवायेगी. इसके लिए नाव में नि:शुल्क सेवा लिखा बोर्ड लगाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली को बेहतर बनाने और लोगों के बीच इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा. इससे लोगों का बाढ़ और वज्रपात से बचाव हो सकेगा.

Next Article

Exit mobile version