पटना के फुलवारीशरीफ से पकड़े गये देश विरोधी गतिविधि में शामिल दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद आरएसएस की पीएफआइ संगठन से तुलना करने के मामले में एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लो बुरे फंस गये हैं. एसएसपी द्वारा कही गई बात से राज्य में राजनीतिक बवंडर खड़ा हो गया है. बीजेपी ने एसएसपी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए माफी की मांग की है. इसके साथ ही भाजपा उनके बर्खास्तगी की भी मांग कर रही है.
पटना के SSP ने पटना से पकड़े गए आतंकियों के ट्रेनिंग को RSS की ट्रेनिंग से जोड़ दिया. कहा कि जैसे आरएसएस की शाखा ऑर्गनाइज की जाती है, लाठी की ट्रेनिंग होती है वैसे ही ये फिजिकल ट्रेनिंग में ब्रेनवाश कर रहे थे. सुनिए पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को pic.twitter.com/WkQ6lniTB9
— Rajesh Kumar Ojha (@RajeshK_Ojha) July 14, 2022
एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बयान दिया है कि पीएफआइ संगठन आरएसएस की तरह ही जगह-जगह पर अपनी शाखाएं खोलती हैं. आरएसएस की शाखाओं में लाठी चलाने आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है. उसी तरह से ये लोग भी शारीरिक प्रशिक्षण देने के नाम पर यूथ को बुलाते थे और अपने एजेंडा व प्रोपगेंडा के तहत उनका ब्रेनवाश करने का काम कर रहे थे.
पीएफआइ की आरएसएस से तुलना करने वाले पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो के बयान पर बिहार भाजपा नाराज है. भाजपा ने राज्य सरकार से एसएसपी को बर्खास्त करने की मांग की है. साथ ही एसएसपी से सामूहिक रूप से माफी मांगे की बात कही है.
राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद सुशील कुमार मोदी ने पटना के एसएसपी से पीएफआइ की तुलना आरएसएस से किये जाने संबंधी बयान को वापस लेने और माफी मांगने को कहा है. मोदी ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष भारत को इस्लामी देश बनाने की साजिश में लिप्त पीएफआइ के संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद इस प्रतिबंधित संगठन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे देशभक्त संगठन की तुलना करना नितांत निंदनीय और अज्ञानतापूर्ण है.पटना के एसएसपी को ऐसा बयान तुरंत वापस लेना चाहिए और इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.
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मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऐसा संगठन है, जो देशप्रेम, उच्च आदर्श और सर्वधर्म समभाव का प्रवर्तन करने में लगभग एक सदी से निष्ठापूर्वक लगा है. जिस संगठन ने अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी, अमित शाह व राजनाथ सिंह जैसे अनेक यशस्वी नेतृृत्व देश को दिये, उसकी तुलना आतंकवाद और कट्टरता को बढ़ावा देने वालों से बिल्कुल नहीं की जा सकती.