पटना एसएसपी ने की बड़ी कार्रवाई, तीन साल से एक ही थाने में रहे 173 एसआई व एएसआई का किया तबादला
एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पटना जिले के एसआई व एएसआई के संबंध में समीक्षा की तो पाया कि 176 एसआइ व एएसआइ तीन साल से अधिक समय से एक ही थाने में पदस्थापित हैं.
पटना जिले में तीन साल से एक ही थाने में पदस्थापित 173 एसआइ व एएसआइ का तबादला कर दिया गया है. उन्होंने दूसरे थाने में भेज दिया गया है. जानकारी के अनुसार, हाल में ही रेंज आइजी के स्तर पर पटना व नालंदा जिले के 1600 कांस्टेबल को इधर से उधर किया गया था. इसके बाद एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पटना जिले के एसआई व एएसआई के संबंध में समीक्षा की तो पाया कि 176 एसआइ व एएसआइ तीन साल से अधिक समय से एक ही थाने में पदस्थापित हैं.
इसके बाद इन सभी पुलिस पदाधिकारियों की लिस्ट बनायी गयी और एसएसपी ने सभी का तबादला कर दिया. जानकारी के अनुसार, शहरी इलाके के पुलिस पदाधिकारी को ग्रामीण इलाके में और ग्रामीण इलाके के पुलिस पदाधिकारी को शहरी इलाकों के थाने में पदस्थापित किया गया है. सभी को एक मार्च से पहले अपने नये पदस्थापन वाले स्थल पर योगदान कर देना है और उससे पहले अपने तमाम केस को हैंडओवर कर देना है. केस को लेने की जिम्मेदारी थानाध्यक्ष को एसएसपी ने दी है.
अब सभी रेंज स्तर पर खुलेंगे पुलिस मुख्यालय के फील्ड कार्यालय
पटना. पुलिस मुख्यालय अपराध नियंत्रण से लेकर बेहतर पुलिसिंग की अवधारणा को अमलीजामा पहनाने के लिए फील्ड कार्यालय खोलने जा रहा है. इसके अंतर्गत पुलिस के सभी 12 रेंजों में इस महकमे की सभी इकाइयां एक ही छत के नीचे खोली जायेंगी. पुलिस मुख्यालय की अलग-अलग इकाइयां मसलन सीआइडी, इओयू, आधुनिकीकरण, विशेष शाखा, कमजोर वर्ग समेत अन्य सभी विंग एक ही भवन में खुलेंगे. इसके लिए सभी भवनों में पांच से साढ़े पांच करोड़ की लागत से एक-एक भवन तैयार किया जायेगा. इन भवनों में सभी संबंधित विंगों के अलग-अलग अधिकारी बैठेंगे.
गृह विभाग ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब इस अवधारणा को सरजमीं पर उतारने की पहल शुरू हो गयी है. इस नयी अवधारणा के पीछे पुलिस मुख्यालय की मंशा जिला से लेकर थाना स्तर की सशक्त मॉनीटरिंग करने की है. सभी रेंज में काम करने वाले इन फील्ड कार्यालयों की मदद से किसी आपराधिक घटना होने पर सभी विंग समुचित समन्वय बना कर तुरंत घटनास्थल तक पहुंचेंगे और मामले की छानबीन तेजी से कर सकेंगे. इससे मामले का निबटारा जल्द होने के साथ ही अपराध पर भी प्रभावी तरीके से नियंत्रण हो सकेगा. वर्तमान में सभी एक दर्जन रेंजों में उनके क्षेत्र के आधार पर डीआइजी या आइजी बैठते हैं.