पटना का पारा 42 के पार, बढ़ी आग लगने की घटनाएं, हाई अलर्ट पर फायर सर्विस
राजधानी का तापमान इन दिनों 40-42 डिग्री तक पहुंच गया है. आने वाले दिनों में पारा और भी बढ़ने की संभावना है. सुबह से ही गर्म हवाओं के थपेड़े चल रहे हैं. जिसके कारण हर तरफ लोग परेशान हैं. वहीं पारा बढ़ने के साथ ही शहर में आग लगने की घटनाएं भी तेज हो गयी हैं. ऐसे में प्रभात खबर ने शनिवार को शहर के फायर सर्विस विभाग, फायर स्टेशनों, फायर कर्मियों की संख्या और आग बुझाने वाले सभी तरह के उपकरणों की पड़ताल की. बढ़ती गर्मी में आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए शहर का अग्निशमन विभाग कितना तैयार है, आइए जानते हैं.
शुभम कुमार@पटना. गर्मी का मौसम आ गया है. कब, कहां और किस वक्त आग लग जाये यह कोई नहीं जानता. आग तो आग है, लेकिन सतर्कता से आप अग्निकांड से बच सकते हैं. अग्निशमन विभाग आग से बचाव के लिए लगातार जागरूकता अभियान चला रही है. जागरूकता के साथ-साथ विभाग आपातकालीन सेवाओं के लिए भी पूरी तरह से मुस्तैद है. यह कहना है फायर सर्विस के कमांडेंट मनोज कुमार नट का.
मनोज कुमार नट बताते हैं कि गर्मी का मौसम आते ही शहर में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, लेकिन जागरूकता के कारण पिछले साल के मुताबिक इस साल मार्च में अग्निकांड की घटना कम हुई है. उन्होंने बताया कि पिछले साल मार्च में 71 अगलगी की घटनाएं हुई थीं, लेकिन इस साल अब तक 31 घटना हुई है. जागरूकता के कारण अगलगी की घटना में कमी आयी है. जिले में पूर्वी, पश्चिमी, ग्रामीण और सेंटर में सबसे ज्यादा अगलगी की घटनाएं होती है. पश्चिमी क्षेत्र में पटना सिटी का इलाका आता है, जहां अगलगी की घटना गर्मी के मौसम में बढ़ जाती है.
529 फायर कर्मी व 98 फायर सर्विस की गाड़ियां हर वक्त तैयार
गर्मी बढ़ने की वजह से जिले में हर दिन छोटी-बड़ी अगलगी की घटना हो रही हैं. इसके लिए फायर सर्विस पूरी तरह से तैयार है. इमरजेंसी सेवा के लिए 98 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां हर वक्त तैयार खड़ी रहती हैं. इनमें 39 मिस्ट टेक्नोलॉजी, छह बाउजर, दो फोम टेंडर, पांच हाइड्रोलिक के अलावा बाकी वाटर टैंकर शामिल है. इन्हें संचालित करने के लिए जिले में 529 फायर ब्रिगेड कर्मी लगे हैं. वहीं जिले में 789 जल स्त्रोत को भी विभाग ने चिह्नित किया है, जिसमें सरकारी और गैर सरकारी शामिल है.
संकरी गलियों में आसानी से पहुंचेगी ‘मिस्ट मोटर बाइक’
संकरी गलियों में अगलगी की घटना के दौरान फायर ब्रिगेड की टीम को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इस समस्या को दूर करने के लिए अग्निशमन विभाग ने ‘मिस्ट मोटर बाइक’ को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है. अब संकरी गलियों में भी ‘मिस्ट मोटर बाइक’ पहुंच कर आग पर काबू पा सकेगी. जिले में विभाग को 12 मिस्ट मोटर बाइक मिले हैं. यह बाइक अलग-अलग यूनिट पर तैनात है. सूचना मिलते ही फायर कर्मी बाइक से तुरंत पहुंच कर आग पर काबू पाते हैं.
अग्निशमन विभाग का हो रहा डिजिटलाइजेशन, बढ़ी सुविधाएं
अब अग्निशमन विभाग भी अन्य दूसरे विभागों की तरह डिजिटलाइजेशन की ओर कदम बढ़ा रहा है. इआरएसएस (इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम) के तहत अब सभी फायर ब्रिगेड गाड़ियों में टैब लगाया जा रहा है. जो पूरी तरह ऑनलाइन नेटवर्किंग व जीपीएस पर काम करेगी. इसके बारे में पूछे जाने पर फायर कमांडेंट ने बताया कि अब अगलगी की सूचना देने वाले का लोकेशन टैब पर मिल जायेगा. ऐसे में घटना स्थल पर फायरकर्मी को पहुंचना आसान हो जाता है. कॉल आते ही सबसे नजदीकी फायर यूनिट की गाड़ियां लोकेशन से मौके पर पहुंच जायेगी. टैब में पास के जल स्त्रोत, डायरेक्शन समेत अन्य कई सुविधाएं रहेंगी.
आग लगने पर क्या करें, क्या न करें
आग लगने पर लोग उपाय करने से पहले अफरा तफरी मचा देते हैं, जिससे बचाव कार्य में परेशानी होती है. आग लगने पर संयम से काम लें और इन पांच बातों का ध्यान रखें.
क्या करें
1. नेशनल बिल्डिंग कोड एवं बिहार बिल्डिंग के प्रावधानों के अनुरूप ही भवनों का निर्माण करायें
2. भवन निर्माण में अग्निरोधी उपायों को सुनिश्चित करें एवं आइएसआइ मानक वाले तार एवं उपकरणों को लगाएं
3. भवनों में अग्नि सुरक्षा उपायों को सुरक्षित करने के लिए अग्निशमन सेवा कर्मियों-अग्नि परामर्शी का सहयोग लें
4. भवन के चारों तरफ छोड़े गये रास्ता को अग्निशमन वाहनों के लिए हमेशा खाली रखें
5. यदि आपके पास अग्निशामक यंत्र है और आप उसे हैंडल करना जानते हैं, तो उसे सक्रिय करें.
6.आग बढ़ने पर अग्निशामक दल को बुलाने के लिए 101 या 112 नंबर डायल करें.
7. किसी बड़ी बिल्डिंग या ऑफिस में आग में फंसे हों, तो तुरंत फायर अलार्म सक्रिय करें.
8. सामान जल रहा है तो पानी-रेत-फोमकेमिकल का छिड़काव कर आग बुझाएं.
9. अगर आग बिजली के तारों या शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है तो पानी का इस्तेमाल न करें.
क्या न करें
1. भवनों के प्रवेश तथा निकास को किसी भी परिस्थिति में बंद न रखें
2. भवनों तथा व्यावसायिक भवनों में जलते हुए सिगरेट आदि के टुकड़े यत्र-तत्र न फेंके
3. भवनों के चारों तरफ किसी भी परिस्थिति में हवा में झूलते तार न ले जायें
4. भवनों में अनावश्यक रूप से कूड़ा करकट-रद्दी सामानों और ज्वलनशील पदार्थों का भंडारण न करें
5. चुल्हे पर उबलते हुए चाय, दूध आदि को छोड़कर किचन से बाहर न जायें.
6. खाना बनाते समय ढीला-ढाला वस्त्र का प्रयोग न करें.
7. अगर किचन में गैस की गंध आ रही तो इलेक्ट्रिक पैनल / स्वीच के साथ छेड़छाड़ न करें.
8. माचिस, सिगरेट, लाइटर एवं गैस सिलिंडर को बच्चों के पहुंच से दूर रखें.
9. बच्चों को कभी अकेले रसोई घर में न जाने दें.
जिले में ये हैं 13 फायर स्टेशन
- – लोदीपुर
- – कंकड़बाग
- – सचिवालय
- – पटना सिटी
- – फुलवारीशरीफ
- – दानापुर
- – बाढ़
- – मसौढ़ी
- – पालीगंज
- – बिहटा
- – फतुहा
- – पाटलिपुत्र
- – सिपारा
हेल्पलाइन नंबर
- आग लगने पर डायल करें : 101 /112
- राज्य अग्नि नियंत्रण कक्ष, पटना : 7485805818,
पटना जिले के फायर स्टेशनों का नंबर
1. फुलवारीशरीफ- 06122451100
2. दानापुर- 7485806117
3. पटना सिटी- 06122631800
4. कंकड़बाग- 06122361198
5. सचिवालय- 06122215721, 7485806124
6. लोदीपुर- 7485805820
7. बाढ़- 9204145620
8. पालीगंज- 7485805919
9. मसौढ़ी- 8873594460
10. बिहटा – 8271418891