पटना: तीन घंटे की बारिश में पानी-पानी हुआ राजधानी, सड़कों पर एक से दो फुट तक लगे पानी
Patna weather गांधी मैदान के एक बड़े हिस्से में भी बारिश का पानी फैला दिखा, जिससे वह झील की तरह दिख रहा था. जेपी गोलंबर पर दो फुट तक पानी था.
Patna weather राजधानी पटना में दोपहर 1:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक तीन घंटे के दौरान 23.4 एमएएम की बारिश से शनिवार को शहर में कई जगह सड़कों पर एक से डेढ़ फुट तक पानी लग गया. निचले क्षेत्राें में कहीं-कहीं यह दो फीट तक भी था. अधिक जलजमाव वाले क्षेत्रों में रामगुलाम चौक समेत गांधी मैदान सर्किल के चारों ओर के क्षेत्र शामिल थे. गांधी मैदान के एक बड़े हिस्से में भी बारिश का पानी फैला दिखा, जिससे वह झील की तरह दिख रहा था. जेपी गोलंबर पर दो फुट तक पानी था.
अटल पथ के सर्विस लेन पर एएन कॉलेज पानी टंकी डंपिंग यार्ड के समक्ष, अशोक राजपथ में कुल्हड़िया काॅम्प्लेक्स मोड़ और पीएमसीएच के गेट समेत कई जगहों पर, राजीव नगर रोड नंबर 24, पटेल नगर मेन रोड, बोर्ड कॉलोनी और राजवंशी नगर, मीठापुर फ्लाइओवर के ऊपर गोलंबर के चारों ओर और किनारे की जगह पर, पाटलिपुत्र कॉलोनी में सांईं मंदिर के आसपास और करबिगहिया के कुछ क्षेत्र शामिल थे.
ऊपरी क्षेत्राें और ऐसी जगहों, जहां सड़क का लेवल सामान्य था, इनमें से अधिकतर पानी दो से चार घंटे के बीच निकल गया, लेकिन पटेल नगर और राजवंशी नगर जैसे कुछ निचले क्षेत्रों में देर रात तक यह पानी लगा रहा और धीरे धीरे निकलता दिखा. बारिश के दौरान नगर निगम की टीम राजेंद्र नगर, मीठापुर, करबिगहिया, द्वारिकापुरी, बाईपास, दीघा, पाटलिपुत्र कॉलोनी, गांधी मैदान, एयरपोर्ट सहित कई निचले इलाकों में सक्रिय दिखी और क्यूआरटी के सदस्य पानी को तेजी से निकालने के लिए चेंबर का ढक्कन हटाते दिखे. इस दौरान संप हाउस को भी पूरी क्षमता से चलाया गया और कई जगह पंप लगाकर भी जलनिकासी की गयी. पटेल नगर के दो-तीन लिंक रोड में जमीन का लेवल नीचा होने के कारण देर शाम तक पूरी तरह जलनिकासी संभव नहीं हो सकी थी.
संप हाउस के इनलेट व आउटलेट की निगरानी करते दिखे पदाधिकारी
बरसात के शुरू होते ही सभी संप हाउस के वाटर लेवल की मॉनीटरिंग की जा रही है. पदाधिकारी सीसीटीवी व वॉकी-टॉकी के माध्यम से लगातार वाटर लेवल के इनलेट और आउटलेट की निगरानी करते दिखे. गौरतलब है कि पटना नगर निगम द्वारा शहर के सभी संप हाउस पर तीनों पालियों में कर्मियों की तैनाती की गयी है. इसके साथ ही सभी अंचलों में मशीनों द्वारा जलनिकासी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी उपलब्ध करवायी गयी है.