पटना जू में जानवरों के जबरदस्त ठाट, हाथी को गुड़ और चिपांजी को शहद के साथ मिलेगा च्यवनप्राश
सर्दी के दस्तक के साथ ही पटना जू में जानवरों को मिलने वाले भोजन में भी बदलाव किया जा रहा है. ठंड के अनुसार अब जानवरों का खाने की मात्रा को कम या ज्यादा किया जा रहा है. जहां चिपांजी को शहद के साथ च्यवनप्राश देने की व्यवस्था की जा रही है.
पटना. पटना के चिड़िया घर में रहने वाले जानवरों के कुछ अलग ही ठाट हैं. इन्हें जो सुविधाएं दी जाती हैं, वैसी सुविधा तो कई इंसानों नहीं मिल पाती. यहां जानवरों को मौसम के हिसाब से सुविधा मुहैया कराई जाती है. इन्हें गर्मी के मौसम में ठंड का एहसास कराने के लिए कूलर तो ठंड में गर्मी का एहसास कराने के लिए ब्लोअर की व्यवस्था की जाती है. इसके साथ ही बदलते मौसम के साथ उनके खुराक में भी बदलाव किया जाता है.
चिपांजी को शहद के साथ च्यवनप्राश
सर्दी के दस्तक के साथ ही पटना जू में जानवरों को मिलने वाले भोजन में भी बदलाव किया जा रहा है. ठंड के अनुसार अब जानवरों का खाने की मात्रा को कम या ज्यादा किया जा रहा है. जहां चिपांजी को शहद के साथ च्यवनप्राश देने की व्यवस्था की जा रही है, वहीं हाथियों को कुछ दिनों के अंतराल पर गुड़ भी परोसा जायेगा.
जानवरों के के डायट को भी बढ़ाया जायेगा
चिड़िया घर में शेर, बाघ और अन्य वन्य जीवों के डायट को भी बढ़ाया जायेगा. नर बाघ की खुराक को 12 किलो से बढ़ाकर 14 और मादा बाघ की खुराक को 10 किलो से बढ़ा कर 12 किलो मांस परोसा जा रहा है. मादा बाघ के बाड़े में अब उसके साथ उनके शावक भी मौजूद हैं. ऐसे में उनकी खुराक का भी खास ख्याल रखा जा रहा है. अगले कुछ दिनों में हिरण के बाड़े में पुआल बिछायी जायेगी, जबकि ऑस्ट्रिच के बाड़े में त्रिपाल लगाया गया है.
ठंड बढ़ने पर शेड भी लगाया जायेगा
अधिक ठंड पड़ने पर हिटर, ब्लोअर के अलावा पशु-पक्षियों के बाड़े में पुआल, फूस, लकड़ी की तख्ते आदि की व्यवस्था की जायेगी. जू में 82 प्रतिशत ग्रीन कवर यानी कि कई पेड़ पौधे लगे हुए है, जिसकी वजह से ठंड में इसके तापमान में अंतर आता है. ऐसे में जानवरों के बाड़े में ठंड बढ़ने पर शेड भी लगाया जायेगा.