0000 ‘कन्हैया जी ये कैसा जादू डाला’ पर झूमे पटनाइट्स
भारतीय नृत्य कला मंदिर में अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा जश्न-ए-बिहार के तहत नृत्य संध्या का आयोजन किया गया
संवाददाता, पटना शहर के भारतीय नृत्य कला मंदिर में अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा जश्न-ए-बिहार के तहत नृत्य संध्या का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में प्रसिद्ध कत्थक नृतक व बनारस घराने के 11 वीं पीढ़ी के कलाकार विशाल कृष्णा ने कत्थक प्रस्तुति दी. शिव स्तुति से से शुरू करते हुए विशाल कृष्णा ने तीन ताल सोलह मात्रा की प्रस्तुति तबले के उठान से शुरू की. उसके बाद दादरा जिसके बोल थे ‘कन्हैया जी ये कैसा जादू डाला’ की प्रस्तुति दी. वहीं, ‘तीन था थई’ की प्रस्तुति से महफिल लूट ली. उनके साथ तबला पर आनंद मिश्रा, सितार पर नीरज मिश्रा व वोकल में संतोष मिश्रा ने संगत किया. इस अवसर पर प्रो प्रेमचंद होम्बल ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी. उन्होंने भारतीय नृत्य कला मंदिर से जुड़ीं अपने यादों को साझा करते कहा कि मैंने पदमश्री हरी उप्पल जी की पुत्री स्टेला जी के साथ इसी मंच पर 1976 में ‘सीता स्वयंवर’ की प्रस्तुति दी थी. आज एक बार फिर मुझे यहां प्रस्तुति देने का मौका मिला है. कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक अंग ‘अलारिपु’ से किया गया. इसमें ईशा नागर सेठ, मुश्री रूपम रघुवंशी, माला होम्बल, जागृति, जाहनवी श्रीवास्तव, युविका जौहरी व निवेदिता पाण्डेय ने प्रस्तुति दी. वहीं, ‘जसोदा हरि पालने झुलावै’ की प्रस्तुति माला होम्बल ने दी. वहीं ‘गाइये गणपति जग बन्दन को’, ‘रामचन्द्र कृपालु भजुमन’ की प्रस्तुति से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कला संस्कृति एवं युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर ने कहा कि भारतीय नृत्य कला मंदिर की स्थापना इसीलिए की गयी थी कि भारतीय नृत्य संस्कृति को बढ़ावा मिले और बिहार के बच्चे और बिहार के युवा इस संस्कृति को आगे बढ़ा सके. मौके पर निदेशक रूबी, उप सचिव अनिल कुमार सिन्हा व अन्य मौजूद रहे.
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