Loading election data...

कैंपस : देश भर की सभी प्रवेश परीक्षाओं के प्रश्न पूछने के पैटर्न को बनाया जायेगा आसान

देश भर में एडमिशन के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा को आसान बनाया जायेगा. इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है. इसमें परीक्षा की गुणवत्ता से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2024 8:01 PM

कोचिंग की निर्भरता खत्म करने की तैयारी में सरकार

संवाददाता, पटना

देश भर में एडमिशन के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा को आसान बनाया जायेगा. इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है. इसमें परीक्षा की गुणवत्ता से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं होगा. सूत्रों ने मिली जानकारी के अनुसार नीट यूजी 2024 में इसे प्रयोग के तौर पर लाया गया था. इसके साथ ही अगले वर्ष 2025 से जेइइ, सीयूइटी समेत अन्य परीक्षाओं के कठिनाई लेवल को कम किया जायेगा. नीट में भी कठिनाई लेवल को कम किया जायेगा. एनटीए के अधिकारियों ने बताया कि सरकार की कोशिश परीक्षाओं की तैयारी में कोचिंग संस्थानों पर निर्भरता कम करने की है. साथ ही खुद से तैयारी करने व ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों के मेधावी बच्चों को भी बराबरी के मौका उपलब्ध करवाना है. एनटीए के अधिकारी ने बताया की नीट यूजी में इस बार इजी प्रश्न पूछे गये थे. इसी का कारण है कि इतने अधिक स्टूडेंट्स सफल हुए हैं. अब इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जायेगा. एनटीए के अधिकारी ने बताया कि जेइइ और नीट से लेकर सीयूइटी में में सफलता के लिए छात्र कोचिंग सेंटर पर निर्भर हो रहे हैं. क्योंकि इन परीक्षाओं का कठिनाई लेवल हाइ है. पाठ्यक्रम से बाहर से भी सवाल पूछे जाते हैं. इस पर अब बहुत हद तक रोक लगेगी. जिन छात्रों के अभिभावकों के पास पैसे हैं, वे तो कोचिंग सेंटर में महंगी फीस देकर तैयारी कर लेते हैं, लेकिन दूरदराज व ग्रामीण परिवेश के सरकारी व आम परिवारों के मेधावी छात्र पिछड़ रहे हैं. मेडिकल और इंजीनियरिंग के प्रीमियम संस्थानों को देखते हुए प्रश्न पत्र तैयार होंगे. हालांकि इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा कि प्रश्न पत्र आसान करने से भविष्य में इस क्षेत्र में आने वाले पेशेवर अपने काम में कमजोर न हों. एनटीए के अधिकारी ने कहा कि यही कारण है कि नीट यूजी 2024 की अधिसूचना से पहले ही नीट पाठ्यक्रम से 20 प्रतिशत हिस्सा हटा दिया गया था. इस 20 प्रतिशत हिस्से के सवाल बेहद जटिल होते थे. हालांकि इस पाठ्यक्रम की पढ़ाई न करने से छात्रों को आगे चलकर कोई नुकसान नहीं होगा. लेकिन इन सवालों के लिए कोचिंग सेंटर में दाखिला लेना पड़ता था. इसीलिए विशेषज्ञ समिति ने सबसे पहले इसी हिस्से को हटाया था.

12वीं कक्षा तक कोर्स के आधार पर एनसीइआरटी से पूछे जायेंगे प्रश्न

12वीं कक्षा तक पढ़े गये विषयों के आधार पर ही इन परीक्षाओं के प्रश्नपत्र तैयार किये जायेंगे. एनसीइआरटी पाठ्यक्रम को ही प्रश्नपत्र तैयार करने में आधार बनाया जायेगा. देश के अधिकतर राज्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड एनसीइआरटी पाठ्यक्रम के तहत ही बोर्ड परीक्षाओं में पढ़ाई करवाते हैं. विशेषज्ञ समिति परीक्षाओं से पहले सीबीएसइ बोर्ड के अलावा प्रदेश शिक्षा बोर्ड उनके पाठ्यक्रम से लेकर अन्य जानकारियां लेगी और उनकी सहमति के बाद प्रश्न पत्र तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी.

आइआइटी काउंसिल इसके लिए कर चुका है मना

सरकार ने 2017 में आइआइटी काउंसिल से जेइइ एडवांस्ड प्रश्नपत्र की कठिनता लेवल को कम करने का आग्रह किया था. लेकिन आइआइटी काउंसिल ने अपनी गुणवत्ता से समझौता करने से मना कर दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version