बिहार में फुटपाथ नहीं होने से पैदल चलने वालों की हो रही मौत, सड़क निर्माण में छोड़ी जाएगी फुटपाथ की जगह
परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों को इस बात के लिए आगाह किया है कि सड़क निर्माण में लोगों के लिए ऐसी व्यवस्था जरूर करें, ताकि वह सुरक्षित पैदल चल सकें.
बिहार में सड़कों की लंबाई बढ़ायी गयी है. सड़कें अच्छी हो रही हैं, जहां तेज गति से गाड़ियां चल रही हैं, लेकिन यहां सड़क निर्माण के दौरान फुटपाथ का निर्माण कार्य नहीं हो रहा है. ऐसे में सड़क किनारे पैदल चल रहे लोग दुर्घटना में अधिक घायल हो रहे हैं. वहीं, टेक्सी, वैन या चारपहिया से चलने वाले लोग हादसे के कम शिकार हो रहे हैं.
सड़क दुर्घटना में सबसे अधिक पैदल चलने वालों की मौत
परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में यह बात निकल कर आयी है कि सड़क किनारे पैदल चलने वालों की व्यवस्था अधिक- से -अधिक की जाये, ताकि लोग सुरक्षित पैदल चल सकें. 2021 में 9553 सड़क दुर्घटनाएं हुईं , जिनमें सबसे अधिक पैदल चलने वाले 2798 लोगों की मौत हुई. 2657 दोपहिया चालक की मौत हुई है.
जिलों को भेजा गया निर्देश
परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों को इस बात के लिए आगाह किया है कि सड़क निर्माण में लोगों के लिए ऐसी व्यवस्था जरूर करें, ताकि वह सुरक्षित पैदल चल सकें. विभाग ने सभी जिलों को दिशा – निर्देश भेजा है कि जहां फुटपाथ नहीं है. उन सड़क के किनारे फुटपाथ बनाया जाये. साथ ही, शहरी इलाकों में जेबरा क्राॅसिंग एवं फुटपाथ की पूर्ण व्यवस्था करें.
Also Read: बिहार को इस साल दो बेहतरीन संग्रहालयों की मिलेगी सौगात, पटना में बापू टावर और वैशाली में बुद्ध सम्यक
टैक्सी, वैन या चारपहिया से चलने वाले लोग हादसे के शिकार कम हो रहे हैं
विभाग के मुताबिक टैक्सी, वैन, चारपहिया से चलने वाले लोग हादसे के शिकार कम हो रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक ऐसे 752 लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हुए हैं, जिनमें 504 लोगों की मौत हो गयी. ऑटो रिक्शा चालकों में 558 सड़क दुर्घटनाएं हुईं और 404 लोगों की मौत हुई है. ट्रक चालकों में 248 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 125 लोगों की मौत हो गयी. 135 बस दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 71 और इ-रिक्शा सहित अन्य से 145 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 97 लोगों की मौत हो गयी है. अन्य प्रकार के वाहनों से 679 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें से 509 लोगों की मौत हो गयी है.