खड़ी ढाल और कटाव के कारण खतरनाक घोषित किया जा सकता है पहलवान घाट

खड़ी ढाल और कटाव के कारण पहलवान घाट को छठ व्रतियों के लिए खतरनाक घोषित किया जा सकता है. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वहां से कितना पानी नीचे उतरता है और पानी के घटने के बाद घाट का क्या स्वरूप उभर कर सामने आता है

By Prabhat Khabar News Desk | October 23, 2024 12:52 AM

संवाददाता, पटना खड़ी ढाल और कटाव के कारण पहलवान घाट को छठ व्रतियों के लिए खतरनाक घोषित किया जा सकता है. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वहां से कितना पानी नीचे उतरता है और पानी के घटने के बाद घाट का क्या स्वरूप उभर कर सामने आता है. हालांकि इस आशंका के बावजूद घाट को तैयार करने का काम नगर निगम के संवेदक और अभियंता के द्वारा जारी है. एक किमी लंबे पहुंच पथ का निर्माण पूरा, केवल रोलर चलना बाकी घाट तक पहुंचने के लिए लगभग एक किमी लंबे पहुंच पथ का निर्माण पूरा कर लिया गया है. पहुंच पथ पर जगह जगह जमा पानी को पंप लगा कर निकाल दिया गया है, जेसीबी और पोकलन लगा कर कीचड़ को भी हटा दिया गया है. अब केवल मिट्टी के सूखने का इंतजार किया जा रहा है. उसके बाद रोलर चला कर भूमि को कड़ा किया जायेगा, ताकि वाहनाें के आने-जाने के दौरान भी मिट्टी अधिक दबने से चक्का फंसे नहीं. घाट के समतलीकरण का चल रहा कार्य खड़ी ढाल और कटाव के कारण जिला प्रशासन द्वारा पहलवान घाट को खतरनाक घोषित करने की आशंका के बावजूद पटना नगर निगम के संवेदक और अभियंता ने घाट को छठ व्रतियों के लिए तैयार करने का कार्य रोका नहीं है बल्कि इसके समतलीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है. जेसीबी और पोकलन लगा कर घाट के ऊंचे टीलेनुमा स्थानों से बालू को हटा कर गड्ढेनुमा स्थानों पर दिया जा रहा है. उन्हें बैठाने के लिए पानी छीटने का कार्य भी जारी है. कार्य से जुड़े अभियंता ने बताया कि दीपावली के आसपास जल के नीचे जाने से उभरी घाट की स्थिति और ढाल को देखकर प्रशासन के द्वारा निर्णय लिया जायेगा कि इस घाट पर छठ होगी या नहीं. लेकिन हमलोग अपनी तैयारी रखना चाहते हैं, ताकि छठ होने के अनुकूल स्थिति होने पर छठ घाट तैयार करने में देरी होने की आशंका नहीं रहे. पार्किंग का भी हो रहा निर्माण पहलवान घाट के समीप ही वहां तक जाने वाले छठ व्रतियों के वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग का निर्माण भी शुरू हो गया है. इसे अगले तीन-चार दिनों में पूरा भी कर दिया जायेगा. इसके बाद केवल नदी के भीतर बांस की बैरिकेडिंग, घाटों पर कपड़ा लगाने, लाइट टावर और वाच टावर बनाने का कार्य और लाइट लगाने का कार्य बचा रहेगा, जिसे प्रशासन की हरी झंडी मिलने के बाद किया जायेगा.

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