कैलाशपति मिश्र,पटना राज्य के सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन से संबंधित मामले में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए राज्य सरकार अलग से पेंशन निदेशालय बनायेगी. वित्त विभाग में इसकी तैयारी चल रही है. वहीं कोषागार की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने लिए भी अलग से निदेशालय बनाये जाने की योजना है.इसके लिए वित्त विभाग में मंथन शुरू हो गया है.विभाग के अंतर्गत निदेशालय का गठन किस तरह से हो,इसके लिए विशेषज्ञों की सेवा ली जायेगी.फिलहाल वित्त विभाग में दो निदेशालय अंकेक्षण और भविष्य निधि कार्य कर रहे हैं. कोषागार निदेशालय के कार्य एवं दायित्व : कोषागार निदेशालय का कार्य राज्य में कोषागारों के संचालन की निगरानी करना होगा.इसके तहत भुगतान और प्राप्तियों सहित राज्य सरकार के सभी वित्तीय लेन-देन,कोषागारों द्वारा महालेखाकार को भेजे गये लेखों और कोषागार द्वारा लेखा परीक्षा का अनुपालन पर निगरानी रखना है. वित्त और कोषागार संचालन से संबंधित मामलों में वित्त विभाग के सलाहकार के रूप में भी कार्य करेगा. इसके साथ ही राज्य में ट्रेजरी ऑफिसर, असिस्टेंट ट्रेजरी ऑफिसर्स के प्रशिक्षण के लिए नोडल के रूप में भी कार्य करेगा. पेंशन निदेशालय के कार्य व दायित्व पेंशन निदेशालय राज्य के सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन से संबंधित मामले में कोई परेशानी नहीं हो इस दिशा में कार्य करेगा.फिलहाल राज्य में पेंशन से संबंधित मामले में महालेखाकार कार्यालय की मदद ली जा रही है. यह निदेशालय राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के अंतर्गत नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा. एनपीएस के अंतर्गत कार्मिकों और सरकार के अंशदान इ-कुबेर के माध्यम से एनएसडीएल को ऑनलाइन स्थानांतरित करने के साथ ही नयी पेंशन योजना के संचालन में मदद करेगा. एनपीएस से आच्छादित कार्मिकों को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (प्राण) आवंटन किये जाने की प्रक्रिया में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों का समाधान भी करेगा.
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