पटना में कड़ाके की सर्दी में टिन शेड के नीचे रात बिताने को मजबूर मरीज व परिजन, देखें तस्वीरें
प्रभात खबर ने प्रदेश के बड़े अस्पताल आइजीआइएमएस परिसर की पड़ताल की, तो वहां प्रदेश के दूर दराज जिलों से आये मरीज व उनके परिजन किसी तरह से अपनी रात गुजरने को मजबूर हैं. वे अस्पताल के बरामदे, बाहर लगे टिन शेड में रात बिता रहे हैं. इलाज की मजबूरी में ठंड की दोहरी मार पड़ रही है. पेश है रिपोर्ट...
आनंद तिवारी, पटना: पटना में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में लोगों को अस्पताल में इलाज कराने आये लोगों को भी समस्या हो रही है. मंगलवार की रात प्रभात खबर ने प्रदेश के बड़े अस्पताल आइजीआइएमएस परिसर की पड़ताल की, तो वहां प्रदेश के दूर दराज जिलों से आये मरीज व उनके परिजन किसी तरह से अपनी रात गुजरने को मजबूर हैं. वे अस्पताल के बरामदे, बाहर लगे टिन शेड में रात बिता रहे हैं. इलाज की मजबूरी में ठंड की दोहरी मार पड़ रही है.
इतने पैसे नहीं कि धर्मशाला लें
आइजीआइएमएस में पावरग्रिड व संस्थान प्रशासन की ओर से धर्मशाला की व्यवस्था है. लेकिन, गरीब व लाचार मरीजों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि ये कोई होटल या धर्मशाला में ठहर सकें. ठंड के समय रैन बसेरे में भी जगह नहीं मिली, तो खुले आसमान या किसी टिन शेड को ही अपना आशियान बना लिया. कंबल के सहारे ये लोग सोने की कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन सर्दी का सितम ऐसा की इन्हें सोने नहीं दे रहा. आइजीआइएमएस के इमरजेंसी वार्ड, पावरग्रिड के नीचे के परिसर को ही रैन बसेरा के रूप में बदल दिया गया है. लेकिन, लोगों की तादात इतनी कि शायद यह व्यवस्था भी नाकाफी साबित हो रहा है. जाहिर है इसे मजबूरी नहीं तो क्या कहेंगे. हड्डी गला देने वाली इस सर्दी में भी लोग खुले आसमान के नीचे सोने को को मजबूर हैं.
कैंसरग्रस्त पत्नी को लेकर खुले में गुजार रहे रात
सारण जिले की 55 वर्षीया बिमला देवी को लिवर का कैंसर है. पहले उनका इलाज मेडिसिन विभाग के में चल रहा था, लेकिन अब कैंसर रोग विभाग में इलाज करा रही है. पति प्रभु गिरि ने कहा कि उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह धर्मशाला या होटल में रह सके. इसलिए वह पावरग्रिड के नीचे अपनी बूढी मां व कैंसर पीड़ित पत्नी के साथ रात काटने को मजबूर हैं. वह तीन दिन से रोजाना ओपीडी में पत्नी को इलाज कराके ले जाता है और रात को फिर से उसी खुले आसमान के नीचे सो जाते हैं.
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मधुबनी जिले के रहने वाले 65 साल के हीरानंद झा को ब्रेन हेमरेज है. वह इमरजेंसी वार्ड में भर्ती है. बेटा नारायण झा ने जब सुना, तो दिल्ली से आइजीआइएमएस पहुंच गया. बेटा ने बताया कि वह दो दिनों से इमरजेंसी वार्ड के पास बने टिन शेड में अपनी बहन रानी कुमारी के साथ रहते हैं. नारायण दिल्ली में प्राइवेट जॉब करता है.