कोरोना काल के बाद से ऑनलाइन गेम की लत छोटे बच्चों से लेकर बड़ों को भी जकड़ रहा है. आलम यह है कि पढ़ाई और काम के साथ लोग ऑनलाइन मनोरंजन का साधन ढूंढ़ने लगे और इसका सबसे आसान तरीका ऑनलाइन गेम्स है. अब साइबर ठगों ने ऐसे लोगों को शिकार बनाना शुरू किया है. पहले यह गेम्स में लोगों को जीत का लालच देते हैं. इसमें पैसे डबल करते हैं. लोग इसी लालच में गेम को 10, 20 रुपये से खेलना शुरू करते हैं. जब वह गेम को हजार रुपये में पहुंचते हैं, तो उन्हें हजार का दो हजार, पांच हजार का दस हजार रुपये का लालच देते और जीतने पर पैसे भी देते हैं. इसके बाद मोटी रकम लगाने का लालच देते हैं, इसके बाद उनके खाते से एक बार में हजारों व लाख दो लाख और इससे अधिक रुपये की चपत लगा देते हैं.
एंड्रॉयड मोबाइल एप पर ऐसे गेम्स के सैकड़ों एप है. ऐसे कई लोग है जो गेम में हजारों से लाख रुपये तक के ठगी के शिकार हो चुके हैं. लेकिन लाज शर्म और मां-बाप से डांट सुनने के डर से इसकी शिकायत वह पुलिस में नहीं कराते हैं. साइबर ठग जो भी चर्चित गेम्स होते हैं उससे मिलता जुलता एप बनाकर उसका लिंक लोगों को भेजकर इसे डाउनलोड कराते हैं. इसके बाद उन्हें जब इसकी लत लग जाती है, तो ठगी का शिकार बनाते हैं. ऑनलाइन गेम्स से लोग सावधान रहे, जब बात पैसों की आये तो उस गेम से दूर हो जाये. मनोरंजन तो ठीक है, लेकिन पैसे की बात आती है तो जुआ हो जाता है.
एक व्यवसायी के पुत्र व उनकी पत्नी को इस गेम की लत बहुत भारी पड़ी दोनों को मिलाकर करीब 2.43 लाख रुपये की चपत लग गयी. दोनों को गेम की लत लगी थी. दोनों खाली समय में घंटों गेम खेलते थे. बेटा गेम में जीते हुए पैसे से रेस्टोरेंट जाना, सिनेमा देखने का खर्च निकालता था. इसी लत में वह इतना आगे निकल गया कि उसे अच्छा खासा चूना लगा. जब बेटे से ठग ने करीब 1.18 लाख रुपये ठगे. इसके बाद उसके चेहरे पर मायूसी छा गयी. डर के मारे उसने यह बात न अपनी मां को बतायी और न ही पिता को बतायी. इसके बाद बेटे ने मां को गेम खेलते हुए देखा और वह गेम में जीत रही थी.
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बेटे ने जब मां को गेम में पैसे जीतते देखा तो उसने अपने नुकसान की भरपायी मां के गेम से करने की कोशिश की. इसी में मां को भी करीब सवा लाख रुपये का चुना लगा. इन सभी पैसे से ठगों ने ऑनलाइन मार्केटिंग की. मामला तब खुला जब इस रकम की भरपायी करने के लिए महिला मजबूरन अपनी ज्वैलरी दुकान में बेचने गयी. जहां किसी परिचित ने महिला को देखा और इसकी सूचना उसके पति को दी. उसने फौरन बेटे व पत्नी को घर बुलाया डांट लगायी. इसके बाद दोनों ने पूरी कहानी बतायी. व्यवसायी को पैसा वापस आने क उम्मीद नहीं थी इसलिए उसने एफआइआर नहीं करायी.