Petrol Diesel Price Hike: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है. तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में 79 पैसे और डीजल के भाव में 77 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. राजधानी पटना में शनिवार को पेट्रोल की कीमत 109.16 रुपये और डीजल की कीमत 94.26 रुपये प्रति लीटर हो गयी है. वहीं राज्य के 25 जिलों में पेट्रोल की कीमत 110 रुपये प्रति लीटर को पार कर गयी है. सबसे अधिक कीमत पश्चिम चंपारण में है. वहां शनिवार को पेट्रोल की कीमत 111.75 रुपये प्रति लीटर रही.
वहीं राज्य के 25 जिलों में पेट्रोल की कीमत 110 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है. सबसे अधिक कीमत पश्चिम चंपारण की रही है. यहां शनिवार को पेट्रोल की कीमत 111.75 रुपये प्रति लीटर रही.
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अररिया- 111.19
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औरंगाबाद -110.71
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बांका-110.80
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भागलपुर-110. 64
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बक्सर-110.53
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पूर्वी चंपारण-110.60
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गया-110.62
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गोपालगंज – 110.97
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जमुई-110.92
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कैमूर- 111.04
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कटिहार- 110.16
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किशनगंज – 111.31
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लखीसराय -110.20
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मधुबनी- 110.59
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मुंगेर – 111.11
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पश्चिम चंपारण- 111.57
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नवादा- 110.39
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पूर्णिया-110.67
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रोहतास-110.24
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सहरसा-110.03
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सीवान – 110.57
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शेखपुरा – 110.52
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शिवहर-110.52
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सीतामढ़ी – 110.80
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सुपौल – 110.47
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तेल कंपनियां कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी का भार उपभोक्ताओं पर डाल रही हैं, जिसके चलते पिछले पांच दिन में चौथी बार कीमत में बढ़ोतरी की गई है. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की तरफ से जारी मूल्य संबंधी अधिसूचना के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 97.81 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर अब 98.61 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.07 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 89.87 रुपये प्रति लीटर हो गई है. पेट्रोल तथा डीजल की कीमत साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को 80 पैसे बढ़ाई गई थी. इसके बाद से इनकी कीमतों में चार बार बढ़ोतरी की गई.
इस तरह अब तक पेट्रोल और डीजल के दाम में कुल 3.20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थीं.
हालांकि, इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी. विधानसभा चुनाव के 10 मार्च को नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन पेट्रोलियम कंपनियों ने कुछ दिन और इंतजार किया. ऐसा कहा जा रहा है कि अब पेट्राेलियम विपणन कंपनियां अपने घाटे की भरपाई कर रही हैं. भारत अपनी तेल की जरूरत पूरी करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है.