13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पीएफ कटौती से रिटायरमेंट फंड पर पड़ेगा असर

कर्मचारियों की जेब में अधिक पैसा पहुंचाने और मौजूदा संकट से उबारने के लिए सरकार ने पब्‍लिक प्रोविडेंट फंड (पीएफ) योगदान में तीन माह के लिए कटौती की घोषणा की है. इस घोषणा के बाद कर्मचारियों के इपीएफ में कर्मचारी व नियोक्ता की तरफ से दो-दो फीसदी कम योगदान किया जायेगा. सरकार के ऐलान के बाद कुल 24 फीसदी का यह योगदान घट कर 20 फीसदी रह जायेगा.

पटना : कर्मचारियों की जेब में अधिक पैसा पहुंचाने और मौजूदा संकट से उबारने के लिए सरकार ने पब्‍लिक प्रोविडेंट फंड (पीएफ) योगदान में तीन माह के लिए कटौती की घोषणा की है. इस घोषणा के बाद कर्मचारियों के इपीएफ में कर्मचारी व नियोक्ता की तरफ से दो-दो फीसदी कम योगदान किया जायेगा. सरकार के ऐलान के बाद कुल 24 फीसदी का यह योगदान घट कर 20 फीसदी रह जायेगा.

इस कटौती का कर्मचारियों के भविष्‍य पर क्‍या असर पड़ेगा? इस संबंध में प्रभात खबर ने चार्टर्ड एकाउंटेंट और इनकम टैक्‍स एडवोकेट से विस्‍तार से बातचीत की.होगा दोतरफा नुकसानचार्टर्ड अकाउंटेंड राजेश कुमार खेतान बताते हैं कि सरकार ने यह फैसला मौजूदा संकट के बीच कर्मचारियों को थोड़ी राहत देने के लिए लिया है. इससे उनके प्रति माह मिलने वाले वेतन (टेक होम सैलरी) में बढ़ोतरी होगी. लेकिन, अगर लंबी अवधि में देखा जाये, तो इससे कर्मचारियों को दोतरफा नुकसान झेलना पड़ेगा.

पहला तो यह कि टैक्स के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की टैक्स एसेसमेंट का गणित बिगड़ेगा. दूसरी तरफ उनके रिटायरमेंट फंड पर भी असर पड़ेगा. उन्‍होंने बताया कि इपीएफ पर कंपाउंडेड ब्याज मिलता है. ऐसे में अगर किसी कर्मचारी की प्रति महीने कटौती और नियोक्ता के अंशदान में कमी होती है, तो इसकी तुलना में उनके रिटायरमेंट फंड पर ज्यादा असर पड़ेगा.टैक्स के रूप में कटेगी रकमसीए मशींद्र कुमार मशी के अनुसार उदाहरण के तौर पर कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिला कर प्रति माह 50 हजार रुपये बनता है, तो पीएफ योगदान छह हजार रुपये होगा. इतनी ही रकम नियोक्ता की तरफ से भी इपीएफ में हर महीने जमा की जाती है. कर्मचारी और नियोक्ता की तरफ से कुल योगदान 12 हजार रुपये प्रति माह होगा.

लेकिन, अब नये एलान के बाद यह रकम घटकर 10 हजार रुपये हो जायेगी. दूसरी तरफ कर्मचारी के हाथ में आय प्रति माह एक हजार रुपये बढ़ जायेगी, जो कि आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्‍ते की दो फीसदी होगी. अगर कर्मचारी को प्रति माह वेतन एक हजार रुपये बढ़ जाता है और कर्मचारी उच्च टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, तो टेक होम सैलरी केवल सात सौ रुपये ही बढ़ेगी. बाकी की रकम टैक्स के तौर पर कट जायेगी.25 साल में 46 हजार का नुकसानइनकम टैक्‍स एडवोकेट मनीष बेनेटिया के अनुसार बदलाव का असर कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड पर भी पड़ेगा. अब इन तीन महीनों के लिए पीएफ में कम योगदान का मतलब रिटायरमेंट फंड भी कम होगा. अगर किसी पीएफ अकाउंट में कर्मचारी और नियोक्ता की तरफ से हर महीने 12 हजार रुपये का योगदान जाता है और इस कटौती के बाद कर्मचारी अगर 25 साल बाद रिटायर होता है. इससे उनके रिटायरमेंट फंड पर लगभग 46 हजार रुपये का असर पड़ेगा. यह गणना 25 सालों के लिए पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर 8.55 फीसदी के आधार पर की गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें