Photos: पटना में धूमधाम से मनायी गई श्री राधा अष्टमी, भजन संध्या पर जमकर झूमे श्रद्धालु
मान्यता है कि हर साल भादो माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन घरों से लेकर मंदिरों तक में राधा रानी की विधिवत पूजा अर्चना तो की ही जाती है, साथ ही इस दिन व्रत रखने का भी विधान है. जिस तरह से जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, ठीक उसी तरह से पटना राधा अष्टमी की धूम भी खूब देखने को मिली.
राजधानी पटना में बुधवार को राधा अष्टमी की धूम रही. हजारों की संख्या में भक्त इस्कॉन मंदिर से लेकर राधा बल्लभ संप्रदाय मंदिर, गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी व अन्य जगहों पर पहुंचे और राधा जी के प्रकट उत्सव में शामिल हुए. इसके लिए मंदिर प्रबंधक की ओर से पूरी तैयारी की गयी थी.
इस्कॉन पटना : बरसाने जैसा माहौल दिखा पटना में
इस्कॉन पटना में बुधवार को श्री राधा अष्टमी मनायी गयी. इस अवसर पर मंदिरों में आयोजित कार्यक्रमों में महिलाएं श्रद्धा की डोर में बंधकर झूमती रहीं. ढोलक की थाप पर गाये जा रहे भक्ति गीतों पर महिलाओं ने ऐसा नृत्य किया कि बरसाने जैसा माहौल हो गया. इस्कॉन मंदिर हॉल में इस महोत्सव का आयोजन 12:00 बजे दोपहर से 2:00 बजे तक हुआ. हरे कृष्ण भक्तों ने भजन-कीर्तन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की. सहस्त्र तीर्थ जलों एवं पंचगव्यों से राधारानी का महाभिषेक किया गया. फिर महाआरती की गयी.
अपने अध्यक्षीय संबोधन में इस्कॉन पटना के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास ने कहा कि राधा रानी भगवान की तीन शक्तियों में अंतरंगा, बहिरंगा व तटस्थ अंतरंग शक्ति है. राधा रानी और कृष्ण में कोई अंतर नहीं है. बिना राधा रानी की कृपा से कृष्ण भक्ति प्राप्त नहीं हो सकती. गोलोक धाम वृंदावन की मालकिन हैं. राधा रानी स्वयं भगवान की आह्लादिनी शक्ति हैं, जो नित्य प्रेम स्वरूप भगवान की सेवा में रत रहती हैं. ब्रज की मालिकन होने के कारण इन्हें ब्रजेश्वरी भी कहते हैं. बिना राधा रानी की अनुमति के ब्रज क्षेत्र में प्रवेश करना असंभव सा होता है.
राधावल्लभ संप्रदाय मंदिर : मनाया गया प्राकट्य उत्सव
भादो शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री राधा रानी का अवतरण पर्व राधाष्टमी प्राकट्य उत्सव बुधवार को परंपरागत तरीके से मनाया गया. लल्लू बाबू के कुंचा स्थित राधा वल्लभ संप्रदाय मंदिर में संपन्न अवतरण पर्व पर धार्मिक अनुष्ठान हुए. इसके तहत बधाई, समाज गायन, आदि पूजा, श्री राधा सुधा निधि पाठ, राधा चालीसा के बाद दोपहर को दधि कादो के बाद शाम को प्रवचन व भजन कीर्तन हुआ. मंदिर के सेवायत ब्रजेश गोस्वामी के निर्देशन में हुए अनुष्ठान में वक्ताओं ने कहा कि कलयुग में राधा नाम गुणकारी है. कृष्ण हृदय राधारानी के दर्शन मात्र से ही मनोकामना पूर्ण होती है. ब्रज पद्धति के अनुसार संपन्न धार्मिक अनुष्ठान व अवतरण के बाद भजन कीर्तन का आयोजन किया गया. राधा कृष्ण मंदिर, राधा रानी व वैष्णव मंदिरों में भी अवतरण पर्व पर धार्मिक अनुष्ठान व कीर्तन किया गया. इसी प्रकार से शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी में महंत विजय शंकर गिरि व सिद्धपीठ छोटी पटनदेवी में आचार्य अनंत अभिषेक द्विवेदी व विवेक द्विवेदी की देखरेख में धार्मिक अनुष्ठान हुए.
गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी : राधा अष्टमी पर मां राधा की आरती संपन्न
गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी में राधा अष्टमी पर मां राधा की आरती हुई. इस दौरान पूर्व विधान पार्षद एवं गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी पूजा समिति के अध्यक्ष प्रो. रणबीर नंदन ने भगवती राधा का पूजन एवं आरती की. पूजन के बाद प्रो. नंदन ने कहा कि राधा अष्टमी श्री राधा जी का प्राकट्य दिवस है.आज के दिन श्री राधा जी के पूजन एवं आरती से भगवान कृष्ण का विशेष अनुग्रह प्राप्त होता है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर श्री राधा रानी का जन्म मथुरा के बरसाना में हुआ था. इसलिए इस दिन को राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. जन्माष्टमी के बाद भाद्रपद माह में ही राधा अष्टमी के त्योहार को मनाया जाता है.
मैथिल महिला संघ : पहली बार मनाया राधा जन्मोत्सव
मैथिल महिला संघ की ओर से बुधवार को विद्यापति भवन में पहली बार राधा जन्मोत्सव मनाया गया.मौके पर मैथिल ललनाओं ने राधा-कृष्ण से जुड़े भजन गा कर श्रद्धालुओं का दिल जीता.राधा तेरी चरणों की धूल पर श्रद्धालुओं ने डांस भी किये. कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ की अध्यक्ष सरिता झा ने की और कहा कि राधा अष्टमी की तिथि,कृष्णाष्टमी के पंद्रह दिन बात आती है.कार्यक्रम का संचालन मंजू झा ने किया. मौके पर कार्यकारणी की सदस्या डॉ. शीला चौधरी,प्रेमलता मिश्र, अराधना, माधुरी झा और चेतना समिति के पूर्व अध्यक्ष विवेकानंद झा समेत कई सदस्य उपस्थित थे.
भजन कीर्तन के बीच दादा गुरुदेव की पूजा-अर्चना
बेगमपुर स्थित श्री दादाबाड़ी जैन मंदिर में दादा गुरु श्री मणिधारी जिनचंद्र सूरी देव जी महाराज का जन्मोत्सव पर धार्मिक अनुष्ठान हुए. नवकार महामंत्र से आरंभ हुए अनुष्ठान में इक्तिता पाठ समेत अन्य कार्यक्रम हुए. इसके बाद भजन कीर्तन हुआ. आयोजन को लेकर सचिव प्रदीप जैन, पारस चंद जैन, गणेश जैन, नूतन जैन, प्रमीला जैन, मुन्ना जैन, खुशबू कोठारी, प्रकाश कोठारी, लजित जैन आदि सक्रिय थे. इस दौरान लोगों ने पर्यूषण पर्व के समापन पर विश्व मैत्री दिवस के तौर पर मनाते हुए एक दूसरे से क्षमा याचना की. रविवार को बाड़े की गली स्थित श्री जैन श्वेताम्बर मंदिर से बड़घोड़ा शोभायात्रा निकाली जायेगी.