– सूअर विकास योजना पर 7080 लाख रुपये खर्च करेगी सरकार – पांच वर्षों में 21.06 टन सूअर मांस का उत्पादन बढ़ेगा संवाददाता, पटना राज्य सरकार सूअर पालन को बढ़ावा देगी. इसके जरिये राज्य में सूअर का मांस का उत्पादन बढ़ाया जायेगा. 125 सूअर फॉर्म और 100 सूअर प्रजनन फॉर्म खोले जायेंगे. इस पूरी कवायद से राज्य में उन्नत व संकर नस्ल के सूअरों की संख्या बढ़ेगी. इससे अगले पांच वर्षों में 21.06 टन सूअर मांस का उत्पादन बढ़ जायेगा, जबकि राज्यभर में कुल 10372 लोगों को रोजगार मिलेगा. बिहार पशु पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना की ओर से सूअर अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जायेगी. इसका संचालन भी विश्वविद्यालय ही करेगा. सूअर प्रजनन फॉर्म पर कुल 739 लाख, सूअर फॉर्म पर कुल 393 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे. इसके साथ ही 10 हजार परिवारों को उन्नत नस्ल के दो मादा और एक नर सूअर का नि:शुल्क वितरण किया जायेगा. इस पर 2414 लाख रुपये खर्च होंगे. अगले पांच वर्षों में इन योजनाओं को क्रियान्वित किया जायेगा. सूअर विकास योजना के तहत सरकार ने कुल 7080 लाख रुपये खर्च के लिए प्रस्तावित किया है. 3.51 लाख सूअर के बच्चों का जन्म होगा इन योजनाओं के पूर्ण होने के बाद राज्यभर में 3 लाख 51 हजार सूअर के बच्चों का जन्म होगा. वर्तमान में राज्यभर में देसी नस्ल के ही सूअर हैं. बिहार में देसी नस्ल के सूअरों की संख्या तीन लाख 17 हजार है. उन्नत और संकर नस्ल के सूअरों की संख्या 17 हजार ही है. उन्नत किस्म के सूअरों को बढ़ाने के लिए तमाम योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं. प्रतिवर्ष 25-25 सूअर प्रजनन और फॉर्म खुलेंगे प्रति वर्ष 25-25 सूअर प्रजनन और सूअर फॉर्म खोले जायेंगे. सूअर फॉर्म में 10 मादा और एक नर सूअर प्रदान किया जायेगा. इसके लिए चयनित लाभुकों को 50 से 60 फीसदी अनुदान मिलेगा. सूअर प्रजनन केंद्र में भी 50 से 60 फीसदी अनुदान प्रस्तावित है.
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