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Pitru Paksh 2022 : पितृ पक्ष मेले के लिए अब नहीं बनेगा VIP पास, जानें लोगों को क्या है आपत्ति

पितृपक्ष के समय में गया शहर वासियों के लिए दुनिया के कोने-कोने से आने वाले तीर्थयात्री ही वीआईपी होते हैं. जो पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं. उन्हें कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए इसलिए खचाखच भीड़ वाले प्रतिबंधित क्षेत्रों में वीआईपी पास की व्यवस्था को हटाना चाहिए

गया के पितृपक्ष मेला में देश-विदेश के से लोग पिंडदान करने आते हैं. इस अवधि में 15 दिन गया के विष्णुपद मंदिर के आसपास का क्षेत्र प्रतिबंधित रहता है. इस दौरान मंदिर तक पहुंचने के लिए आम आदमियों को पैदल चलकर जाना होता है. परंतु इस अवधि में पूर्व के समय लोगों को वीआईपी पास दिए जाने की व्यवस्था रही है जिसके कारण समाज के कई लोगों के द्वारा आपत्ति जताई गई है.

वीआईपी वाहन से पिण्डदानियों को होती है परेशानी 

पिंडदान करने लोग जिस रास्ते से जाते हैं वह बहुत ही सकरा रास्ता है जिसमें पितृपक्ष मेला के अवधि में 15 दिन पिण्ड दानियों का सैलाब पूरे रास्ते में रहता है परंतु वीआईपी लोगों को वीआईपी वाहन पास दिए जाने के कारण वाहनों से खचाखच भीड़ वाले उस रास्ते में पिण्डदानियों को लगातार परेशानी होती है जिसके कारण कई लोगों द्वारा वीआईपी पास बंद किए जाने की मांग उठाई गई है.

बुलाई गई थी बैठक 

वीआईपी पास बंद करने के संबंध में विष्णुपद मंदिर समिति के सदस्यों, शहर के गणमान्य व्यक्तियों, बुद्धिजीवी वर्ग, एवं शांति समिति के सदस्यों के साथ समाहरणालय सभाकक्ष गया में अनुमंडल पदाधिकारी गया सदर, जिला परिवहन पदाधिकारी गया, पुलिस उपाधीक्षक नगर एवं पुलिस उपाधीक्षक यातायात के द्वारा गणमान्य लोगों के साथ बैठक बुलाई गई.

दुनिया के कोने-कोने से आते हैं तीर्थयात्री 

बैठक में मौजूद सभी लोगों के द्वारा कहा गया की पितृपक्ष के समय में गया शहर वासियों के लिए दुनिया के कोने-कोने से आने वाले तीर्थयात्री ही वीआईपी होते हैं. जो पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं. उन्हें कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए इसलिए खचाखच भीड़ वाले प्रतिबंधित क्षेत्रों में वीआईपी पास की व्यवस्था को हटाना चाहिए ताकि आम पिंडदानी जो दूरदराज से आते हैं उनको कोई असुविधा नहीं हो.

वीआईपी वाहनों को पास को दिए जाने की प्रथा बंद

बैठक में मौजूद कुछ सदस्यों द्वारा बताया गया की मेला क्षेत्र के इन भीड़भाड़ वाले जगहों पर जब भी वीआईपी पास वाली गाड़ियां आती हैं. तो लगातार हॉर्न बजाकर उन्हें हटाया जाता है. जो उचित नहीं है इसलिए सदस्यों के द्वारा सहमति व्यक्त की गई कि इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में वीआईपी वाहनों को पास को दिए जाने की प्रथा को बंद किया जाना चाहिए ताकि इस क्षेत्र को प्रदूषण रहित, नो हार्म जोन, नो पोलूशन जोन, नो व्हीकल जोन बनाया जा सके.

वृद्धजन एवं दिव्यांगों के लिए ई-रिक्शा

बैठक में सहमति व्यक्त की गई कि सभी लोग आम आदमी की तरह चांद चौराहा एवं बंगाली आश्रम में अपनी गाड़ी छोड़कर मंदिर तक एवं घाट तक पैदल जाएं. वहीं वृद्धजन एवं दिव्यांगों जरूरतमंदों के लिए ई रिक्शा की व्यवस्था की जानी चाहिए. ताकि वो आवश्यकता अनुसार ई-रिक्शा से मंदिर तक जा सके.

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700 गाड़ियों के लिए बनाया जा रहा पार्किंग 

प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र के नजदीक लगभग 700 गाड़ियों के लिए कोलरा हॉस्पिटल में वाहन पार्किंग बनाया जा रहा है. बैठक में इस बात पर भी सहमति व्यक्त की गई कि प्रशासन के लोग भी चांद चौरा एवं बंगाली आश्रम पर उतर कर पैदल ही आम आदमी की तरह विष्णुपद मंदिर जाएं. इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में जरूरतमंदों के लिए जिला परिवहन कार्यालय के द्वारा निःशुल्क ई रिक्शा भी प्रदान किया जाएगा.

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