अग्नि सुरक्षा के लिए बनेगी अल्प मध्य और दीर्घकालिक योजनाएं
बिहार में अग्नि सुरक्षा के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक तीन तरह की योजनाएं बनेंगी.
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शुरू की तैयारी, प्रस्ताव तैयार करने की पहल शुरू हुई संवाददाता, पटना बिहार में अग्नि सुरक्षा के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक तीन तरह की योजनाएं बनेंगी. इन योजनाओं में आग नहीं लगे, इस पर पूरा फोकस होगा. आपदा प्रबंधन विभाग का मानना है कि आग लगने के बाद सभी हाथ-पैर मारते हैं,लेकिन आग लगे ही नहीं इसे लेकर अब तक विशेष विमर्श नहीं होता है.इस कारण फायर फाइटिंग की जगह फायर इंजीनियरिंग पर फोकस किया जा रहा है. इसको लेकर कुछ दिन पूर्व चर्चा हुई थी, जिसके बाद बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे स्वीकृति के बाद सरकार के समक्ष रखा जायेगा. आग पर काबू पाने के लिए रोबोट और ड्रोन का भी होगा इस्तेमाल : विभाग नयी सुरक्षा नीति के तहत आग लगने की घटना का पूर्वानुमान लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, आग पर काबू पाने के लिए रोबोट और ड्रोन जैसी नयी तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करेगा. इसी कड़ी में आइआइटी, पटना के सहयोग से ‘नीतीश पेंडेंट’ तैयार हो रहा है, जिसके माध्यम से आधुनिक तकनीक की मदद से विभिन्न आपदाओं की पूर्व सूचना लोगों को दी जा सकेगी. अगलगी की 50% घटनाएं बिजली के कारण होती हैं आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अगलगी की लगभग 50 प्रतिशत घटनाएं बिजली के कारण होती हैं. ऐसे में ऊर्जा विभाग को अल्यूमीनियम वायर का इस्तेमाल रोकना होगा. ड्राइ ट्रांसफाॅर्मर लगाने होंगे. बड़े अपार्टमेंट, मल्टीप्लेक्स की लोड एनालिसिस सही तरीके से करनी होगी. नवनिर्मित किसी भी भवन को आग से जब तक पूरी तरह सुरक्षित घोषित नहीं कर दिया जाये,जब तक स्थानीय निकाय ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट उस भवन को जारी न करे. ऊंची इमारतों में फायरमैंस व इवैक्युएशन लिफ्ट अलग जरूर होना चाहिए.
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