PMCH और NMCH को नहीं मिली खून से प्लाज्मा को अलग करने वाली मशीन, दूसरे अस्पतालों से खरीदकर लाया गया प्लाजमा…
पटना: पीएमसीएच में बुधवार से तो एनएमसीएच ने 22 अगस्त से प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत की है. इन दोनों ही अस्पतालों के पास खून से प्लाज्मा को अलग करने वाली मशीन ही नहीं है. इसके उपाय के तौर पर इन दोनों ने प्लाज्मा थेरेपी के लिए दूसरे अस्पतालों से प्लाज्मा मंगवाया है. पीएमसीएच ने जहां आइजीआइएमएस से यह मंगवाया था. वहीं एनएमसीएच ने पटना एम्स से प्लाज्मा मंगवा कर अपने यहां के मरीज को चढ़ाया था.
पटना: पीएमसीएच में बुधवार से तो एनएमसीएच ने 22 अगस्त से प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत की है. इन दोनों ही अस्पतालों के पास खून से प्लाज्मा को अलग करने वाली मशीन ही नहीं है. इसके उपाय के तौर पर इन दोनों ने प्लाज्मा थेरेपी के लिए दूसरे अस्पतालों से प्लाज्मा मंगवाया है. पीएमसीएच ने जहां आइजीआइएमएस से यह मंगवाया था. वहीं एनएमसीएच ने पटना एम्स से प्लाज्मा मंगवा कर अपने यहां के मरीज को चढ़ाया था.
दूसरे अस्पतालों को मशीन की फीस देकर लाया गया प्लाजमा
लेकिन अपनी मशीन न होने का नुकसान यह भी रहा है कि एनएमसीएच में दुबारा अब तक किसी मरीज को यह थेरेपी नहीं दी गयी. प्लाज्मा के लिए इन्हें दूसरे अस्पतालों को मशीन की फीस के तौर पर करीब दस हजार रुपये पेमेंट भी करना पड़ा है. हालांकि यह राशि मरीजों से नहीं ली जायेगी लेकिन प्लाज्मा लेने वाले अस्पताल को यह पेमेंट करना पड़ता है. ऐसे में सवाल उठता है कि बिना पूरी तैयारी के इतनी जल्दी में प्लाज्मा थेरेपी इन दोनों अस्पतालों में क्यों शुरू कर दी गयी.
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पीएमसीएच का दावा जल्द होगी अपनी मशीन
जल्द ही हमारे पास खुद की मशीन आ जायेगी, जिससे खून से प्लाज्मा को अलग किया जा सकेगा. इसको लेकर ब्लड बैंक में तैयारी भी की जा रही है. मशीन के लिए सरकार की तरफ से हमें भरोसा दिलाया गया है कि जल्द ही यह मिल जायेगी.
डॉ बीके कारक, अधीक्षक, पीएमसीएच
बीएमएसआइसीएल को लिखा पत्र
दूसरी बार थेरेपी नहीं होने का एक बड़ा कारण यहां आने वाले मरीजों की संख्या में आयी भारी कमी है. हमारे यहां अब पहले से काफी कम मरीज आ रहे हैं. हमने मशीन के लिए स्वास्थ्य विभाग की इकाई बीएमएसआइसीएल को पत्र लिखकर इसकी मांग की है.
डॉ विनोद कुमार सिंह, अधीक्षक, एनएमसीएच
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya