मसौढ़ी का गांधी मैदान : खिलाड़ी दिखा चुके हैं जौहर, अब दुर्दशा का शिकार
शहर की हृदय स्थली कहे जाने वाले गांधी मैदान आज बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इसी मैदान पर फुटबाल में खेलने वाले अर्जुन एवार्ड विजेता ने देश का प्रतिनिधित्व किया.
मसौढ़ी. शहर की हृदय स्थली कहे जाने वाले गांधी मैदान आज बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इसी मैदान पर फुटबाल में खेलने वाले अर्जुन एवार्ड विजेता ने देश का प्रतिनिधित्व किया. इतना ही नहीं इसी मैदान से नगीना प्रसाद, जवाहर यादव, इम्तियाज अहमद, इफ्तिखार अहमद, उदय केसरी, मो सलीम, राम बली प्रसाद, रामनाथ प्रसाद समेत दर्जनों खिलाड़ियों ने विभिन्न सरकारी कार्यालयों में योगदान दिया. वहीं गांधी मैदान की स्थिति अभी दयनीय हो चुकी है. इसके लिए श्रीमती गिरजा कुंवर उच्च विद्यालय व स्थानीय प्रशासन जिम्मेवार दिख रहा है. गांधी मैदान आवारा पशुओं व असामाजिक तत्वों के लिए रैन बसेरा बन गया है. वहीं चंद पैसों की लालच में स्कूल प्रबंधन साल में दो बार मैदान को डिजनीलैंड के लिए दे देता है. इसमें विद्यालय का साथ मिल जाता है. डिजनीलैंड लगने से मैदान का बहुत बड़ा हिस्सा उसके घेरे में आ जाता है, जिससे माॅर्निंग वाॅक करने वालों को परेशानी होने लगती है. वहीं फुटबाल व क्रिकेट समेत अन्य खेलों को खेलने वाले बच्चों का खेलना तब तक बंद हो जाता है. 15 अगस्त को एक कार्यक्रम में डिजनीलैंड लगने के मसले पर स्थानीय विधायक रेखा देवी व फुलवारी विधायक गोपाल रविदास भी नाराजगी व्यक्त की थी. विद्यालय के प्राचार्य सरोज राज ने कहा कि बीते 16 जुलाई को ही यहां योगदान दिये हैं. डिजनीलैंड हमारे योगदान देने के पहले से लगा हुआ है. उन्होंने स्कूल के खेल मैदान में खेल को छोड़ अन्य गतिविधियों पर फिलहाल कोई स्वीकृति नहीं देने की बात कही. उनका कहना है कि पूर्व में जो हुआ उसका अनुपालन अब नहीं होगा. उन्होंने बताया कि बहुत आवश्यक होने या कोई सरकारी कार्यक्रम होने की स्थिति को छोड़ कर अन्य गतिविधियों के लिए खेल मैदान की स्वीकृति नहीं दी जायेगी. उन्होंने बताया कि बहुत जल्द इसके लिए एक कमेटी भी बनायी जायेगी.
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