पटना के फुलवारीशरीफ में पीएलएफआइ और एसडीपीआइ संगठन की आड़ में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गिरफ्तार अतहर परवेज और अरमान मलिक ने 48 घंटे के पुलिस रिमांड में कई राज खोले हैं. पुलिस का कहना है कि जिन आरोपों में इन्हें गिरफ्तार किया गया था, वह सभी सही साबित हो रहे हैं. पुलिस अपना काम सही दिशा में कर रही है. पुलिस अब इन दोनों की रिमांड की अवधि बढ़ाने के लिए कोर्ट में अर्जी लगायेगी. पुलिस को इन दोनों से पूछताछ में इस पूरे आतंकी नेटवर्क के बारे में कई अहम जानकारियां मिली हैं.
हालांकि पुलिस इस संबंध में ज्यादा बताने से इंकार कर रही है. पुलिस का कहना है कि जो बातें अभियुक्तों ने बतायी हैं उसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. हालांकि, एडिशनल एसपी ने इतना जरूर कहा कि पुलिस ने जिन उद्देश्यों और जिन साक्ष्यों के आधार पर इन लोगों की गिरफ्तारी की है, उसकी जांच सही दिशा में जा रही है. 48 घंटे का पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद अतहर और अरमान को वापस बेऊर जेल भेज दिया गया.
फुलवारीशरीफ में देश विरोधी गतिविधियों के संचालन और इससे जुड़े संदिग्ध आतंकियों के मामले की रिपोर्ट केंद्रीय एजेंसियों को भी दी जा रही है. एनआइए के अफसर खुद भी इसकी जांच से जुड़े हैं. सोमवार को आरोपित अरमान और अतहर से लगातार दिनभर हुई पूछताछ में एनआइए के साथ आइबी के अधिकारी भी शामिल रहे.
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फुलवारी में आतंक की पाठशाला से जुड़े मामले की जांच फिलहाल एटीएस ही करेगी. केंद्रीय एजेंसियां गजवा-ए-हिंद वाट्सएप ग्रुप के दूसरे देशों से कनेक्शन की जांच में एटीएस की मदद कर सकती हैं. एनआइए, रॉ और आइबी की संयुक्त टीम एटीएस के अधिकारियों से संपर्क में है. इस टीम ने एटीएस अफसरों के साथ बैठक भी की है. सूत्रों ने बताया कि फुलवारीशरीफ से गिरफ्तार दानिश को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है. मालूम हो कि दानिश के करीब दो हजार फेसबुक फ्रेंड हैं. इनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों के लोग शामिल हैं. पुलिस दानिश से उसके पाक कनेक्शन से लेकर कई अन्य बिंदुओं पर पूछताछ कर सकती है.
बिहार में आतंकी गतिविधियों के बढ़े मामलों को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए पटना में थाना खोलेगी. एनआइ ने राज्य सरकार को बिहार में थाना खोलने का प्रस्ताव दिया है. फिलहाल बिहार में पटना समेत किसी जिले में एनआइए का थाना नहीं है. यहां कैंप कार्यालय के जरिये ही कामकाज होता है. बिहार सरकार की अनुमति मिलते ही राजधानी पटना में राष्ट्रीय जांच एजेंसी का थाना खुल जायेगा. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल बिहार के एनआइए से जुड़े मामले रांची कार्यालय की देखरेख में संचालित होता है.
एडिशनल एसपी मनीष कुमार सिन्हा पत्रकारों को बताया कि रिमांड पर लिये गये दोनों अभियुक्तों ने जो बयान दिये हैं, उससे साफ हो गया है कि ये लोग देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस टीम दोनों को दोबारा रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी लगायेगी. अरमान मलिक और अतहर परवेज से अभी और भी बहुत कुछ पूछना जरूरी है. उन्होंने बताया कि पूछताछ में इन लोगों ने संगठन की आड़ में चलायी जा रही देश विरोधी गतिविधियों के बारे में जानकारी तो दी ही हैं, पुलिस टीम को एविडेंस और डॉक्यूमेंटल साक्ष्य भी उपलब्ध कराया है. इसके अलावा टेक्निकल रूप से भी कई अहम जानकारियां पुलिस को मिली हैं. अतहर और अरमान ने फंडिंग के बारे में भी पुलिस को काफी कुछ बताया है.