सरकारी योजनाओं में होने वाली धांधली बिहार में थमने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ जहां सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘हर जल घर का नल’ योजना में जांच के दौरान ढ़ेरों अनियमितता सामने आ रही है. वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री आवास योजना में भी सेंधमारी की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है. आवास योजना का लाभ खुद लेने वार्ड के पार्षद व सरकारी दफ्तर के सीनियर क्लर्क तक खुद को गरीब बताने में लग गए हैं. बिहार में सरकारी योजनाओं में होने वाली धांधली से जुड़ी हर News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
बिहार में सरकारी योजनाओं का लाभ जरुरतमंदों तक क्यों नहीं पहुंच पाता है, इसके कारणों का खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लाभुकों के चयन में जमकर धांधली हो रही है. वार्ड से लेकर मुखिया और अधिकारी तक इसमें लिप्त रहते हैं. जिसके कारण जो इसके वास्तविक हकदार होते हैं उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाता है.
RTI से मिली जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि अभी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश में 3 लाख 32 हजार से अधिक आवास का निर्माण अधूरा पड़ा है. जिसे सरकार ने इस साल पूरा करने का निर्देश भी जिलाधिकारियों को दिया है. दूसरी तरफ इस योजना में गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई भी की जा रही है. नए सरकार के गठन के बाद 87 मुखिया और 33 वार्ड पार्षदों पर प्राथमिकी इस मामले में दर्ज की गइ है.
वहीं मामले की जांच की जिम्मेदारी अधिकारियों के जिम्मे दी गई है. जिसके बाद कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं. नवादा जिले में दो वार्ड पार्षद व जमुई जिले में एक पार्षद ऐसे पाए गए जिन्होंने आवास योजना का लाभ लेने खुद को ही गरीब बना लिया. इसके लिए उन्होंने गलत आय प्रमाण पत्र बनवा लिया. वहीं अररिया में सरकारी दफ्तर के वरीय क्लर्क ने भी इसका लाभ ले लिया है. ऐसे कई अन्य उदाहरण भी सामने आए हैं. साथ ही कई जगहों पर आवास दिलाने के नाम पर पैसा ठगी का मामला भी सामने आया है. तो मकान दिलवाने के एवज में सरेआम 20-20 हजार घूस मांगने की भी शिकायतें सामने आयीं है.
Posted By :Thakur Shaktilochan