प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ( पीएमइजीपी ) के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस बार 8859 लोगों को ऋण दिये जायेंगे. इसके लिए तीन गुना अधिक कुल 26 हजार 500 से अधिक आवेदन बैंकों को भेजे जायेंगे.
दरअसल उद्योग निदेशालय ने सभी उद्योग महाप्रबंधकों को निर्देश जारी किये हैं कि वह इस योजना में जिले और बैंक वार निर्धारित लक्ष्य का तीन गुना आवेदन भेजे. उद्योग महाप्रबंधकों को 15 जुलाई तक यह भेजना है. उद्योग विभाग चाहता है कि किसी भी हालत में बैंकों को पीएमइजीपी के केस लटकाने का बहाना न मिले. पिछले वित्तीय वर्ष में देखा गया है कि भारी संख्या में बिना किसी ठोस वजह के बैंकों ने आवेदनों को निरस्त किया था.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पीएमइजीपी के तहत इस साल बिहार को जिला और बैंक वार 8859 लोगों को लोन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसमें अनुसूचित जाति के आवेदकों को 1545 लोगों को लोन देन का लक्ष्य निर्धारित किया गया गया है. वहीं जनजाति वर्ग के आवेदकों के 75 लोन केस मंजूर किये जाने का लक्ष्य है.
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करीब पांच दिन पहले महाप्रबंधकों को भेजे गये इस पत्र का पालन करते हुए कई महाप्रबंधकों ने जिले के लक्ष्य के तीन गुना अधिक आवेदन भेजना शुरू भी कर दिया है. जानकारों के मुताबिक पिछले साल वित्तीय वर्ष में इस योजना के निर्धारित लक्ष्य का करीब 60 फीसदी लोगों को ही लोन दिये जा सके थे. उल्लेखनीय है कि इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है. इस योजना के तहत आसान शर्तों पर लोन मिलता है. इसका मकसद ऐसे उद्यम शुरू करना है, जिसमें अधिक से अधिक रोजगारों का सृजन हो सके.