प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभुक चयन में बड़े पैमाने पर आवेदन की छंटनी हुई है. पूर्वी चंपारण में पीएम किसान निधि योजना के करीब दो लाख आवेदन रद्द किये गये है. इनमें अधिकांश आवेदन कृषि को-ऑडिनेटर व सीओ लॉगिंग में जांच के बाद रद्द की गयी है. शेष आवेदनों को डीएओ व एडीएम स्तर से जांच में गलत पाये जाने के कारण रद्द किया गया है.
प्रथम दृष्ट्या बड़ी संख्या में आवेदन रद्द होने का पहला कारण पीएम किसान निधि योजना के नियम में किये गये बदलाव को माना जा रहा है. इनमें योजना लाभ के लिए लाभुक के नाम से भूमि का होना अनिवार्य कर दिया गया है. हालांकि आवेदन रद्द होने के बाद भी जिले में लाखों की संख्या में किसान योजना से लभान्वित हो रहे है.
कृषि विभाग से प्राप्त आकड़ों के अनुसान पीएम किसान निधि योजना के लिए 6 लाख 95 हजार 873 किसानों ने आवेदन किया था. इनमें 4 लाख 94 हजार 535 किसानों के आवेदन स्वीकृत कर विभाग को फारवार्ड कर दिया गया है. इनमें अधिकांश लाभुकों को योजना लाभ की राशि मिलना भी शुरू हो गया है. इसके अलावें दस हजार दो सौ 14 आवेदन विभिन्न लॉगिंग में जांच को लंबित है. इनमें कृषि को-ऑडिनेटर के लॉगिंग में चार हजार 22 आवेदन लंबित दिखा रहा है. जबकि सीओ लॉगिंग में 6 हजार एक सौ 70 व एडीएम लॉगिंग में 22 आवेदन जांच को ले विचाराधीन है.
पुनर्विचार के 50 फीसदी आवेदन रद्द- जिले में पीएम सम्मान निधि के लिए किसानों के पुनर्विचार आवेदन भी बड़े पैमाने पर रद्द किये गये हैं. पहली बार आवेदन को रद्द करने के बाद किसानों ने पुनर्विचार के लिए आवेदन किया था. इसमें 36 हजार 852 आवेदन पड़े. लेकिन जांच में आधे से अधिक आवेदन रद्द कर दिये गये हैं. अबतक जांच के बाद पुनर्विचार के महज दस फीसदी आवेदन ही स्वीकृत की गयी है. जबकि 11 हजार 148 आवेदन एडीएम व 940 आवेदन डीएओ लॉगिंग में लंबित है.
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