PM नरेंद्र मोदी ने दी बिहार को सौगात, कहा- कानूनों की आड़ में किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे देश में ताकतवर गिरोह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार में 14,000 करोड़ रुपये की नौ राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास कर रहे हैं. इन परियोजनाओं के पूरा होने से बिहार से पड़ोसी राज्यों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी. साथ ही सूबे के 45,945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवा से जोड़ने के लिए 'घर तक फाइबर' कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2020 2:25 PM
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मुख्य बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार में 14,000 करोड़ रुपये की नौ राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास कर रहे हैं. इन परियोजनाओं के पूरा होने से बिहार से पड़ोसी राज्यों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी. साथ ही सूबे के 45,945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवा से जोड़ने के लिए ‘घर तक फाइबर’ कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे हैं.

लाइव अपडेट

देश की खेती को आत्मनिर्भर बनाने के हमारे प्रयास निरंतर जारी रहेंगे : नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत का ये दायित्व है कि वो देश के किसानों के लिए आधुनिक सोच के साथ नयी व्यवस्थाओं का निर्माण करे. देश के किसान को, देश की खेती को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारे प्रयास निरंतर जारी रहेंगे.

रबी फसल में पिछले साल के मुकाबले किसानों को दिये गये 30 फीसदी अधिक एमएसपी : नरेंद्र मोदी 

पीएम मोदी ने कहा कि मैं देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा देता हूं कि एमएसपी की व्यवस्था जैसे पहले चली आ रही थी, वैसे ही चलती रहेगी. इसी तरह हर सीजन में सरकारी खरीद के लिए जिस तरह अभियान चलाया जाता है, वो भी पहले की तरह चलते रहेंगे. इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को एक लाख 13 हजार करोड़ रुपये एमएसपी पर दिया गया है. ये राशि भी पिछले साल के मुकाबले 30 प्रतिशत से ज्यादा है.

एमएसपी पर किसानों को गुमराह करने में जुटे हैं कुछ लोग : नरेंद्र मोदी

मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में इन ऐतिहासिक बदलावों के बाद, इतने बड़े व्यवस्था परिवर्तन के बाद कुछ लोगों को अपने हाथ से नियंत्रण जाता हुआ दिखाई दे रहा है. इसलिए अब ये लोग एमएसपी पर किसानों को गुमराह करने में जुटे हैं. ये वही लोग हैं, जो बरसों तक एमएसपी पर स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को अपने पैरों की नीचे दबाकर बैठे रहे.

दालें, आलू, खाद्य तेल, प्याज जैसी चीजें अब एसेन्शियल कमोडिटी एक्ट से बाहर : नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये भी जगजाहिर रहा है कि कृषि व्यापार करनेवाले हमारे साथियों के सामने एसेन्शियल कमोडिटी एक्ट के कुछ प्रावधान, हमेशा आड़े आते रहे हैं. बदलते हुए समय में इसमें भी बदलाव किया है. दालें, आलू, खाद्य तेल, प्याज जैसी चीजें अब इस एक्ट के दायरे से बाहर कर दी गयी हैं. अब देश के किसान, बड़े-बड़े स्टोरहाउस में, कोल्ड स्टोरेज में इनका आसानी से भंडारण कर पायेंगे. जब भंडारण से जुड़ी कानूनी दिक्कतें दूर होंगी, तो हमारे देश में कोल्ड स्टोरेज का भी नेटवर्क और विकसित होगा, उसका और विस्तार होगा.

बहुत पुरानी कहावत है कि संगठन में शक्ति होती है : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत पुरानी कहावत है कि संगठन में शक्ति होती है. आज हमारे यहां ज्यादा किसान ऐसे हैं, जो बहुत थोड़ी-सी जमीन पर खेती करते हैं. जब किसी क्षेत्र के ऐसे किसान अगर एक संगठन बनाकर यही काम करते हैं, तो उनका खर्च भी कम होता है और सही कीमत भी सुनिश्चित होती है.

नया कानून कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं : नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब देश अंदाजा लगा सकता है कि अचानक कुछ लोगों को जो दिक्कत होनी शुरू हुई है, वो क्यों हो रही है. मैं यहां स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ये कानून, ये बदलाव कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं हैं. कृषि मंडियों में जैसे काम पहले होता था, वैसे ही अब भी होगा. बल्कि ये हमारी ही एनडीए सरकार है, जिसने देश की कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है. उन्होंने कहा कि कृषि मंडियों के कार्यालयों को ठीक करने के लिए, वहां का कंप्यूटराइजेशन कराने के लिए, पिछले 5-6 साल से देश में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है. इसलिए जो ये कहता है कि नये कृषि सुधारों के बाद कृषि मंडियां समाप्त हो जायेंगी, तो वो किसानों से सरासर झूठ बोल रहा है.

दाल के किसानों को मिले पिछले साल की तुलना में 15 से 25 फीसदी ज्यादा दाम : नरेंद्र मोदी

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में दालें बहुत होती हैं. इन राज्यों में पिछले साल की तुलना में 15 से 25 प्रतिशत तक ज्यादा दाम सीधे किसानों को मिले हैं. दाल मिलों ने वहां भी सीधे किसानों से खरीद की है, सीधे उन्हें ही भुगतान किया है.

दिखने लगे किसानों को मिली आजादी के लाभ : नरेंद्र मोदी

नये कृषि सुधारों ने देश के हर किसान को ये आजादी दे दी है कि वो किसी को भी, कहीं पर भी अपनी फसल, अपने फल-सब्जियां अपनी शर्तों बेच सकता है. किसानों को मिली इस आजादी के कई लाभ दिखाई देने शुरू भी हो गये हैं. ऐसे प्रदेश जहां पर आलू बहुत होता है, वहां से रिपोर्ट्स हैं कि जून-जुलाई के दौरान थोक खरीदारों ने किसानों को अधिक भाव देकर सीधे कोल्ड स्टोरेज से ही आलू खरीद लिया है.

कानूनों की आड़ में किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे देश में ताकतवर गिरोह : नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में अब तक उपज बिक्री की जो व्यवस्था चली आ रही थी, जो कानून थे, उसने किसानों के हाथ-पांव बांधे हुए थे. इन कानूनों की आड़ में देश में ऐसे ताकतवर गिरोह पैदा हो गये थे, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे. आखिर ये कब तक चलता रहता. इसलिए, इस व्यवस्था में बदलाव करना आवश्यक था और ये बदलाव हमारी सरकार ने करके दिखाया है.

संसद में पास एग्रीकल्चर बिल 21वीं सदी के भारत की जरूरत : नरेंद्र मोदी

देश की संसद ने कल (रविवार को) देश के किसानों को नये अधिकार देनेवाले बहुत ही ऐतिहासिक कानूनों को पारित किया है. मैं देश के लोगों को, देश के किसानों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. ये सुधार 21वीं सदी के भारत की जरूरत हैं.

मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर दिया जा रहा बल : नरेंद्र मोदी

आज देश में मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर बल दिया जा रहा है. अब हाईवे इस तरह बन रहे हैं कि वो रेल रूट को, एयर रूट को सपोर्ट करें. रेल रूट इस तरह बन रहे हैं कि वो पोर्ट से इंटर-कनेक्टेड हों. यानी, सोच ये है कि यातायात का एक साधन, दूसरे साधन को सपोर्ट करे. इससे लॉजिस्टिक को लेकर भारत में जो समस्याएं रही हैं, वो भी बहुत हद तक दूर हो जायेंगी.

सारी पुरानी कमियों को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ रहा 21वीं सदी का भारत, 21वीं सदी का बिहार : पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले सड़कों का, हाईवे का रेल नेटवर्क से कोई वास्ता नहीं रहता था, रेल का पोर्ट से और पोर्ट का एयरपोर्ट से भी कम ही नाता रहता था. 21वीं सदी का भारत, 21वीं सदी का बिहार, अब इन सारी पुरानी कमियों को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ रहा है.

सुदूर गांवों में सस्ता और प्रभावी इलाज होगा संभव, किसानों को मिलेगा लाभ : नरेंद्र मोदी

टेलीमेडिसिन के माध्यम से अब दूर-सुदूर के गांवों में भी सस्ता और प्रभावी इलाज गरीब को घर बैठे ही दिलाना संभव हो पायेगा. हमारे किसानों को तो इससे बहुत अधिक लाभ होगा. अच्छी फसल, मौसम का हाल जैसी कई जानकारियां उन्हें आसानी से मिलेंगी.

छह सालों में तीन लाख से अधिक ऑनलाइन जोड़े गये कॉमन सर्विस सेंटर : पीएम मोदी

नरेंद्र मोदी ने कहा कि यही नहीं बीते छह साल में देशभर में तीन लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर भी ऑनलाइन जोड़े गये हैं. अब यही कनेक्टिविटी देश के हर गांव तक पहुंचाने के लक्ष्य साथ देश आगे बढ़ रहा है.

डेढ़ लाख पंचायतों तक पहले ही पहुंच चुका है ऑप्टिकल फाइबर : मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ-साथ अब ये भी जरूरी है कि देश के गांवों में अच्छी क्वॉलिटी, तेज रफ्तार वाला इंटरनेट भी हो. सरकार के प्रयासों की वजह से देश की करीब डेढ़ लाख पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहले ही पहुंच चुका है.

किसान, गांव के युवा और महिलाएं आसानी से कर सकेंगी इंटरनेट का इस्तेमाल

पीएम मोदी ने कहा कि देश के गांवों में इंटरनेट उपयोग करनेवालों की संख्या शहरों से ज्यादा हो जायेगी, ये कुछ वर्षों तक सोचना मुश्किल था. किसान, गांव के युवा, महिलाएं आसानी से इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे. इस पर भी लोग सवाल उठाते थे, लेकिन अब सारी स्थितियां बदल गयी है.

PM मोदी ने किया बिहार के 45945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने और नौ NH को 4 और 6 लेन सड़क करने की योजना का शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज बिहार की विकास यात्रा का एक और अहम दिन है. अब से कुछ देर पहले बिहार में कनेक्टिविटी को बढ़ानेवाली नौ परियोजनाओं का शिलान्यास किया है. इन परियोजनाओं के लिए बिहार के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.

बिहार में औसतन 25 किमी पर एक पुल, गंगा पर हो जायेंगे 17 पुल : सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में छह पुल प्रधानमंत्री पैकेज का हिस्सा हैं. छह पुल राज्य सरकार बना रही है. इस प्रकार आगे आनेवाले दिनों में गंगा नदी पर कुल 17 पुल और 62 लेन की क्षमता बिहार के लोगों को प्राप्त हो जायेगी. हर 25 किमी पर औसतन एक पुल लोगों को मिलेगा.

45,945 गांवों को फाइबर से इंटरनेट सुविधा मुहैया करायेंगे : रविशंकर

केंद्रीय संचार, इलेक्‍ट्रानिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्‍याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ऑप्टिकल फाइबर की शुरुआत बिहार से होने के बाद यहां के सभी 45,945 गांवों को हम फाइबर के द्वारा इंटरनेट की सुविधा मुहैया करायेंगे, जो हमारे संचार विभाग द्वारा संचालित किया जायेगा. यह सीएससी से क्रियान्वित किया जायेगा.

निर्धारित लक्ष्य से पहले गांवों तक पहुंची बिजली, 15 माह में घरों तक पहुंचाया : आरके सिंह

केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश के जितने गांव हैं, उन सभी तक आपने 1000 दिनों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य दिया, जिसे हमने 923 दिनों में पूरा कर लिया. आपने सभी घरों तक बिजली पहुंचाने का भी लक्ष्य दिया और यह भी हमने 15 महीनों में प्राप्त कर लिया.

घर तक फाइबर स्कीम की हुई शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को सौगात देते हुए ''घर तक फाइबर स्कीम'' की शुरुआत की.

बिहार से बढ़ेगी पड़ोसी राज्यों की कनेक्टिविटी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार में 14,000 करोड़ रुपये की नौ राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास कर रहे हैं. इन परियोजनाओं के पूरा होने से बिहार से पड़ोसी राज्यों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी. साथ ही सूबे के 45,945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवा से जोड़ने के लिए 'घर तक फाइबर' कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे हैं.

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