पटना : कोरोना वायरस से सुरक्षा एवं बचाव पर आयोजित आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने में केंद्र, राज्य सरकार के सामूहिक प्रयास की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस संकट के समय राज्यों ने भी अपनी जिम्मेवारी का बेहतर ढंग से निवर्हन किया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों, लॉकडाउन के दौरान छूट में किये जा रहे रोजगार सृजन के कार्यों एवं कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति के साथ-साथ तथा भविष्य की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि आज की इस चर्चा में बहुत सारी बातें सामने आयी हैं.
सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार के संबंध में हम आप सभी को जानकारी देना चाहते हैं कि देश के अन्य हिस्सों से एवं विदेशों से आने वाले लोगों के कारण बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 700 से ज्यादा हो गयी है. अभी भी लोग बाहर से आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि 4 मई से 10 मई के बीच 1 लाख से ज्यादा लोग आये हैं उनमें 1,900 लोगों की रैंडम टेस्टिंग करायी गयी है, जिसमें 148 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बाहर दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों, छात्रों, जरूरतमंदों को ट्रेनों से लाने की अनुमति देने के लिये मैं केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं. दूर से आने के लिये यही सबसे सहज माध्यम था, इससे लोगों को आने में सहूलियत हुई है. उन्होंने कहा कि 10 मई से 96 ट्रेनें आयी हैं, जिसके माध्यम से 1 लाख 14 हजार लोग राज्य में आये हैं. अगले 7 दिनों में 179 ट्रेन और आने वाली है, जिससे ढाई लाख लोगों के आने की संभावना है. जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार और प्रवासी मजदूर बिहार आना चाहते हैं. उन सभी के लिये भी और ट्रेनों की संख्या बढ़ायी जाये. साथ ही नजदीक के लोगों को बसों से भी लाने की व्यवस्था की जाये.
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नीतीश कुमार ने कहा कि जो प्रवासी मजदूर बिहार आना चाह रहे हैं, उन्हें 7-8 दिनों के अंदर पहुंचाने की व्यवस्था हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी, इसे ध्यान में रखते हुये बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इसके लिये पहले से जितनी टेस्टिंग करायी जा रही थी, उसकी क्षमता और बढ़ा रहे हैं. अभी एक दिन में 1,800 सैंपलिंग की जा रही है, जिसे बढ़ाकर 10 हजार करना चाह रहे हैं. इसके लिये आरटीपीसीआर मशीन, ऑटोमेटिक आरएनए एसट्रैक्सन्स तथा आरटीपीसीआर मशीन में प्रयोग किये जाने वाले किट्स के उपलब्ध कराने की जो मांग की गयी है, उसकी जल्द से जल्द आपूर्ति करायी जाये. राज्य के लिये कम से कम 100 वेंटीलेटर की भी मांग की गयी है, इसकी भी जल्द से जल्द आपूर्ति की जाये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में अभी तक जितने लोग बाहर से आये हैं, उनके लिये प्रखंड स्तर, पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाये गये हैं, जहां गुणवत्तापूर्ण ससमय भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय सुविधा के साथ-साथ मच्छरदानी, दरी, बिछावन, कपड़े एवं बर्तन की व्यवस्था की गयी है. क्वारंटाइन सेंटरों पर लोगों को 14 दिनों तक रहने के बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी जाती है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के संबंध में जो भी निर्णय लिया जायेगा, उसे हम लोग सहमत हैं, लेकिन हम लोग का सुझाव है कि लॉकडाउन को इस माह के अंत तक रखा जाये ताकि बिहार में जितने लोग आ रहे हैं, उन्हें संभालने में सहूलियत हो. बाहर से आने वाले लोगों में संदिग्ध संक्रमितों की पहचान हो सके और दूसरे लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके.
उन्होंने कहा कि पहले से ही लॉकडाउन के दौरान कुछ कार्यों के लिये छूट दी गयी है और रोजगार सृजन के कार्य भी किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारी केंद्रीय कैबिनेट सचिव के निरंतर संपर्क में हैं और राज्य की परिस्थिति से नियमित रूप से अवगत करा रहे हैं.