पटना : कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लॉकडाउन में दूसरे प्रदेशों से अपने गृह राज्य लौटे श्रमिकों और अन्य लोगों को सशक्त बनाने और उन्हें आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने ग्रामीण सार्वजनिक कार्य योजना ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ शुरू करने का निर्णय किया है. इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को सुबह 11 बजे बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये करेंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की मौजूदगी में बिहार के खगड़िया जिले के बेल्दौर प्रखंड के तेलिहार गांव से अभियान की शुरुआत करेंगे. इसके बाद पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री भी इस वर्चुअल लॉन्चिंग में भाग लेंगे. इस अभियान में कोविड-19 महामारी को लेकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए छह राज्यों के 116 जिलों के गांव सार्वजनिक सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्र इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को घोषणा करते हुए बताया कि बिहार और उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों के 116 जिलों में 50 हजार करोड़ रुपये की धनराशि से श्रमिकों व गृह राज्य लौटे लोगों को रोजगार मुहैया कराया जायेगा. इसके तहत श्रमिकों और अन्य लोगों को विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का तीव्र गति से केंद्रित होकर क्रियान्वयन होगा. यह अभियान 125 दिनों तक चलेगा.
‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ मिशन मोड में चलाया जायेगा. अभियान में ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नयी और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि मंत्रालय व विभाग साथ मिल कर काम करेंगे.