साकिब, पटना : पीएमसीएच का कैंसर रोग विभाग देश का पहला ऐसा विभाग या अस्पताल था, जहां कैंसर का इलाज होता था. लेकिन, आज यहां कैंसर के इलाज की कई मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं. हाल यह है कि कैंसर मरीजों की भीतरी सेंकाई करने वाली मशीन या ब्रेकी थेरेपी की सुविधा यहां वर्षों से बंद है. यहां इलाज निःशुल्क होता है. लेकिन, ब्रेकी थेरेपी नहीं होने से कई तरह के कैंसर मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है. इसका सबसे बड़ा नुकसान गरीब मरीजों का हो रहा है. ब्रेकी थेरेपी का इस्तेमाल गर्भाशय कैंसर के इलाज में बेहद कारगर माना जाता है. इससे कैंसर या ट्यूमर की भीतरी सेंकाई होती है. इसके अलावा प्रोस्टेट, ब्रेस्ट व मुंह के कैंसर में भी इसका इस्तेमाल होता है.
जानकारी के अनुसार आज से करीब 20 वर्ष पहले यहां ब्रेकी थेरेपी या भीतरी सेंकाई की सुविधा मौजूद थी. लेकिन, तब मशीन मैन्युअल हुआ करती थी. सरकारी नियमों में हुए बदलाव के बाद इस मशीन को हटाना पड़ा. क्योंकि, इसका उपयोग करते समय डाॅक्टरों व तकनीशियनों पर रेडिएशन का खतरा होने की संभावना जतायी गयी थी. इसके बाद वर्षों नयी आॅटोमेटिक मशीन को खरीदने की योजना बनती रही. लेकिन, बात आगे नहीं बढ़ी. पिछले वर्ष इसको लेकर पीएमसीएच ने फुर्ती दिखायी व फाइलों को आगे बढ़ाया गया. अस्पताल में इसको लेकर बनी कमेटी ने सारी तकनीकी औपचारिकता भी पूरी कर दी.
पीएमसीएच के अधीक्षक डा बीके कारक ने कहा कि पीएमसीएच में कैंसर मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली ब्रेकी थेरेपी या भीतरी सिंकाई की सुविधा अभी उपलब्ध नहीं है. लेकिन, यह जल्द उपलब्ध हो जायेगी. इसके लिए मशीन लगाने को बीएमएसआइसीएल को लिखा गया है.
posted by ashish jha