कैंपस : जिले के पीएमश्री स्कूलों की सीसीटीवी से होगी निगरानी, क्लास में भी लगेगा इंटरेक्टिव बोर्ड

जिले के पीएमश्री दर्जा प्राप्त 31 स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है

By Prabhat Khabar News Desk | October 19, 2024 6:32 PM

संवाददाता, पटना

जिले के पीएमश्री दर्जा प्राप्त 31 स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और यहां की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जायेगी. यह कैमरा वर्ग कक्ष से लेकर पूरे कैंपस में लगाया जायेगा. जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार जिले के 31 स्कूलों को पीएमश्री के दर्जे के लिए चयन किया गया है. इसके साथ ही चयनित स्कूलों में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए सभी क्लास में इंटरेक्टिव बोर्ड भी लगाये जायेंगे, ताकि वे पाठ्यक्रम की पढ़ाई रोचक ढंग से कर सकें.

बिना यूनीफाॅर्म के विद्यार्थियों को नहीं मिलेगा प्रवेश

ऐसे सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों को प्रतिदिन यूनीफाॅर्म में आने के लिए कहा गया है. प्राथमिक स्तर के स्कूल में कुछ बच्चे यूनिफार्म में नहीं आते हैं, तो उन पर दबाव नहीं दिया जाता है. लेकिन पीएमश्री की श्रेणी में आने वाले स्कूल में विद्यार्थियों को यूनीफाॅर्म में आना अनिवार्य है. यदि यूनिफाॅर्म में नहीं आते, तो उनको स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जायेगा. बच्चे अनुशासन में दिखें, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

लाइब्रेरी में रहेगी नौ से 12 वीं तक की एक-एक सेट पुस्तक

माध्यमिक, उच्च माध्यमिक व पीएमश्री की श्रेणी में आने वाले प्रत्येक स्कूल में कक्षा नौ से 12 वीं तक की पाठ्य पुस्तक की एक-एक सेट लाइब्रेरी में रखी जायेगी. जिला शिक्षा कार्यालय ने जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से लाइब्रेरी में पाठ्य पुस्तक रखने के लिए सूची मांगी है. इसके अलावा लाइब्रेरी में प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित पत्रिका, हिंदी व अंग्रेजी का एक अखबार भी रखना अनिवार्य है.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम निर्माण के लिए मांगी गयी सूची

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिले के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से स्कूलों में बन रहे रैन हार्वेस्टिंग सिस्टम की सूची मांगी है. जिले के कुछ स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम निर्माण किया गया है. इसमें पीएमश्री दर्जा के लिए चयनित स्कूल भी शामिल है. जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं सहायक अभियंता यह बतायेंगे कि इस कार्य से विद्यालयों को लाभ हो रहा या नहीं. विद्यालय का नाम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कब बनकर तैयार हुआ, कार्य कर रहा है या नहीं और प्रखंड एवं स्कूल के नाम के साथ भेजने के लिये निर्देशित किया है.

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